India News (इंडिया न्यूज), Pappu Yadav News: सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में चुनावी समय में राजनीतिक पार्टियों द्वारा मुफ्त की योजनाओं की घोषणाओं पर चिंता जताई। जस्टिस बीआर गवई ने कहा कि मुफ्त में चीजें मिलने से लोग अब काम करने से बचने लगे हैं, जिससे देश की प्रगति रुकने जैसी स्थिति उत्पन्न हो रही है। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि लोगों को मुफ्त में राशन और बिना किसी श्रम के पैसे मिल रहे हैं, जिसके कारण वे विकास की प्रक्रिया में सक्रिय रूप से भाग नहीं ले रहे।
हाथ में था प्रेस आईडी कार्ड, फर्जी पत्रकार बनकर कर रहे थे ऐसा काम, पुलिस के देखकर उड़े होश
पप्पू यादव ने दी प्रतिक्रिया
इस पर बिहार के पूर्णिया से सांसद पप्पू यादव ने अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि यह जो ‘खैरात बांटने’ की परंपरा बन गई है, वह जनता के पैसे की बर्बादी है। इससे समाज में जिम्मेदारी की भावना खत्म हो गई है और लोग अपने कर्तव्यों से भागने लगे हैं। पप्पू यादव ने यह भी स्वीकार किया कि सुप्रीम कोर्ट का यह बयान गलत नहीं है और इसे रोकने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि भारत की राजनीति कभी ऐसी नहीं थी, पहले विकास के काम होते थे, जैसे स्कूलों का निर्माण, इंदिरा आवास, पेंशन, और छात्रवृत्तियां। अब पार्टियां केवल यह वादा करती हैं कि हम इतना दे देंगे, जिससे जनता विवेक से वोट नहीं डाल पाती, बल्कि वे यह देखती हैं कि कौन ज्यादा दे सकता है।
10 लाख करोड़ रुपये तक के मुफ्त योजनाएं
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में एक गंभीर चिंता व्यक्त की है कि केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर 10 लाख करोड़ रुपये मुफ्त योजनाओं में बांट रही हैं, जो विकास में रुकावट पैदा कर रही हैं।