India News (इंडिया न्यूज), HMPV Virus: जिला प्रशासन ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और डॉक्टरों को सर्दी-खांसी, बुखार और सांस की बीमारियों से पीड़ित मरीजों पर विशेष नजर रखने के निर्देश दिए हैं। जिला अधिकारी (डीएम) डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने सिविल सर्जन को आदेश दिया है कि सरकारी अस्पतालों में ऐसे मरीजों का बेहतर उपचार सुनिश्चित किया जाए। इसके साथ ही HMPV (ह्यूमन मेटापन्यूमोवायरस) वायरस की जांच पर जोर दिया गया है। DM ने बताया कि राज्य सरकार ने HMPV वायरस को लेकर एडवाइजरी जारी कर दी गई है। यह वायरस संक्रमित व्यक्ति के खांसने, छींकने, संक्रमित वस्तुओं के संपर्क में आने या सीधे संपर्क से फैल सकता है। बच्चों, बुजुर्गों और कम प्रतिरोधक क्षमता वाले व्यक्तियों को इससे अधिक खतरा है।
लोगों को घबराने की जरूरत नहीं
जिला प्रशासन ने कहा है कि लोगों को घबराने की आवश्यकता नहीं है, लेकिन सतर्कता बेहद जरूरी है। खासकर, यदि बच्चों में सर्दी-खांसी या बुखार लंबे समय तक बना रहता है, तो तुरंत जांच कराना चाहिए और बिना डॉक्टर के सलाह के कोई भी दवा ना ले साथ ही सर्दी-खांसी को नार्मल सम्जहने की गलती ना करें।
गया में दर्दनाक सड़क हादसा एंबुलेंस और बाइक में जोरदार टक्कर, बाइक सवार जिंदा जलकर खाक
HMPV वायरस बचाव के उपाय
– हाथों को साबुन और पानी से नियमित धोएं।
– गंदे हाथों से आंख, नाक और मुंह को न छुएं।
– संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाएं।
– खांसते या छींकते वक्त रूमाल या टिश्यू का इस्तेमाल करें।
– संक्रमित वस्तुओं को बार-बार साफ करें।
– संक्रमण के दौरान घर में ही रहें।
– पर्याप्त पानी पीएं, आराम करें और डॉक्टर की सलाह पर दवाएं लें।
प्रशासन सतर्क, जांच के निर्देश
DM ने निर्देश दिया है कि एचएमपीवी वायरस के संदिग्ध मामलों की सूचना जिला प्रशासन को तत्काल दी जाए। छोटे बच्चों और बुजुर्गों के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा के लिए बताए गए उपायों का सख्ती से पालन करें।