India News (इंडिया न्यूज), BPSC Students Protest: ‘बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) के अभ्यर्थियों पर पुलिस द्वारा लाठीचार्ज और वाटर कैनन के इस्तेमाल के खिलाफ पटना हाईकोर्ट के वकील सामने आए हैं। बीपीएससी अभ्यर्थियों द्वारा पिछले कई दिनों से शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया जा रहा था, लेकिन उनकी मांगों को नजरअंदाज करते हुए पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज किया।

वकीलों ने उठाये पुलिस पर सवाल

इसके बाद, पटना के वरिष्ठ अधिवक्ता योगेश चंद्र वर्मा की अगुआई में वकील समुदाय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अभ्यर्थियों को मुफ्त कानूनी सहायता देने का ऐलान किया। वकीलों का कहना है कि वे इस संघर्ष में अभ्यर्थियों के साथ खड़े हैं और किसी भी अभ्यर्थी से एक रुपया भी फीस नहीं लिया जाएगा। वकीलों ने पुलिस की कार्रवाई को बर्बरता और अत्याचार बताया।

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उन्होंने सवाल उठाया कि जब पुलिस ने पहले ही वाटर कैनन का इस्तेमाल किया था, तो फिर लाठीचार्ज की क्या आवश्यकता थी? वकीलों का कहना था कि यह एक अमानवीय व्यवहार था, क्योंकि जिन पुलिसकर्मियों ने छात्रों पर लाठियां चलाईं, उन्हें अपने छात्र जीवन की याद आनी चाहिए थी। बीपीएससी अभ्यर्थियों का आरोप है कि हर परीक्षा में कोई न कोई गड़बड़ी सामने आती है, और हर बार इस मुद्दे पर हाईकोर्ट में केस दायर होते हैं।

सरकार ने क्या दिया जवाब

हालांकि, सरकार इन आरोपों से इंकार करती रही है। इस मामले में विपक्षी दलों, विशेषकर कांग्रेस और वाम दलों ने विरोध जताते हुए राजभवन मार्च किया, लेकिन इस मार्च में आरजेडी के विधायक शामिल नहीं थे। यह घटनाक्रम बिहार के शैक्षिक और प्रशासनिक तंत्र पर सवाल उठाता है, और अभ्यर्थियों की आवाज को न्याय दिलाने के लिए कानूनी मदद की आवश्यकता को और भी स्पष्ट करता है।

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