India News (इंडिया न्यूज), Bangladesh Conflict: बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस सरकार अब कुछ दिनों के ही मेहमान रह गए हैं। अमेरिका के समर्थन से बनी इस सरकार का भविष्य डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिका के राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के 15 दिन बाद तय हो सकता है। ट्रंप प्रशासन ने बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के वरिष्ठ नेताओं और बेगम खालिदा जिया के बेटे तारिक रहमान को वाशिंगटन बुलाने का फैसला किया है, जो बांग्लादेश में राजनीतिक बदलाव का संकेत है।
अमेरिका में बड़े राजनीतिक घटनाक्रम की तैयारी
ट्रंप प्रशासन ने अगले महीने 5-6 फरवरी 2025 को वाशिंगटन डीसी में होने वाली नेशनल ब्रेकफास्ट प्रेयर में बीएनपी नेताओं को भी आमंत्रित किया है। इस खबर के आते ही बांग्लादेश की मौजूदा यूनुस सरकार में हलचल मच गई। मोहम्मद यूनुस को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन और पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन का करीबी माना जाता है। उन्होंने पिछले साल क्लिंटन फाउंडेशन के एक कार्यक्रम में शामिल होकर अपने संबंधों को सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया था।
डोनाल्ड ट्रंप और उनकी टीम मोहम्मद यूनुस को बिडेन समर्थित नेता मानती है और उनकी सरकार को हटाने के लिए विकल्प तलाश रही है। वाशिंगटन में ट्रंप प्रशासन के साथ बीएनपी नेताओं की बैठक के बाद यह संभावना प्रबल हो गई है कि अमेरिका बांग्लादेश में जल्द चुनाव कराने के लिए दबाव बनाएगा।
यूनुस पर चुनाव कराने के लिए दबाव बढ़ेगा
मोहम्मद यूनुस 5 अगस्त 2024 को शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद से सत्ता में हैं। तब से वह लगातार चुनाव टालने के बहाने बना रहे हैं। इस बीच, यूनुस सरकार ने घरेलू असंतोष और आर्थिक विफलताओं से ध्यान हटाने के लिए कट्टरपंथी तत्वों द्वारा हिंदू अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा और भारत विरोधी भावनाओं को भड़काने का रास्ता चुना है।
डोनाल्ड ट्रंप और उनकी टीम के साथ बीएनपी नेताओं की बैठक के बाद अमेरिका बांग्लादेश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया की बहाली के लिए दबाव बना सकता है। अगर चुनाव हुए तो यूनुस सरकार का गिरना तय माना जा रहा है।
भारत को बदनाम करने की साजिश
मोहम्मद यूनुस सरकार की नीतियों के कारण अब भारत और बांग्लादेश के बीच संबंध तनावपूर्ण हो गए हैं। जहां कभी दोनों देशों की दोस्ती दुनिया के लिए मिसाल हुआ करती थी, वहीं अब स्थिति पूरी तरह बदल गई है। भारत और बांग्लादेश ने एक-दूसरे के राजनयिकों को बुलाकर सीमा विवाद और बीएसएफ की कार्रवाई पर कड़ा विरोध दर्ज कराया।
सूत्रों के मुताबिक, बांग्लादेश बॉर्डर गार्ड (बीजीबी) भारतीय सीमा पर भड़काऊ गतिविधियों को बढ़ावा दे रहा है। अवैध घुसपैठ से लेकर सीमा पर लगी बाड़ को बाधित करना और बीएसएफ के जवानों से झड़प करना, यह सब सरकार के इशारे पर हो रहा है। यूनुस सरकार चाहती है कि भारतीय सुरक्षा बल बांग्लादेशी नागरिकों के खिलाफ कुछ सख्त कार्रवाई करें ताकि अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की बदनामी हो सके।