India News (इंडिया न्यूज),Farmers Protest: देशभर में 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाया जाएगा। देश की राजधानी नई दिल्ली में यह त्यौहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाएगा। लेकिन देश के किसानों ने प्रशासन को चिंता में डाल दिया है। गैर-राजनीतिक संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने घोषणा की है कि शंभू से 101 किसानों का एक समूह 21 जनवरी को एक बार फिर पैदल दिल्ली कूच करने की कोशिश करेगा।

गुरुवार को किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने साफ कर दिया कि केंद्र सरकार को सभी फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) गारंटी कानून बनाना होगा साथ ही किसानों और मजदूरों के कर्ज समेत 12 मांगों को लागू करना होगा।

दूसरी ओर, खनौरी में किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल की भूख हड़ताल गुरुवार को 52वें दिन भी जारी रही। इसके साथ ही खनौरी में हरियाणा सीमा पर बुधवार को 111 किसानों की भूख हड़ताल गुरुवार को भी जारी रही।

दल्लेवाल की जांच की गई

पटियाला के राजिंदरा अस्पताल से खनौरी पहुंची डॉक्टरों की टीम ने गुरुवार को दल्लेवाल की जांच की। इसके बाद डॉ. हरिंदर सिंह ने बताया कि 52 दिन के अनशन के कारण दल्लेवाल का वजन 20 किलो पांच सौ ग्राम यानी 23.59 प्रतिशत कम हो गया है। जब उन्होंने अनशन शुरू किया था, तब उनका वजन 86.900 किलोग्राम था, लेकिन गुरुवार को यह 66.400 किलोग्राम दर्ज किया गया।

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बता दें कि एसकेएम गैर राजनीतिक ने दिसंबर माह में तीन बार 6, 8 और 14 तारीख को शंभू से पैदल मार्च करने की कोशिश की थी, लेकिन हरियाणा पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर उन्हें आगे नहीं बढ़ने दिया।

पंधेर ने बताया कि 21 जनवरी को किसानों के जत्थे का नेतृत्व मनजीत सिंह राय और बलवंत सिंह बहरामके करेंगे। इस मौके पर किसान नेता सुरजीत सिंह फूल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 5 जनवरी 2022 को फिरोजपुर रैली रद्द करने के मामले में अब किसानों पर हत्या के प्रयास का मामला दर्ज करने पर पंजाब सरकार की कड़ी निंदा की।

काका सिंह कोटड़ा ने लगाया गुमराह करने का आरोप

उन्होंने पंजाब सरकार को चेतावनी दी कि अगर किसी भी किसान के खिलाफ कोई कार्रवाई की गई, तो इसका कड़ा विरोध किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट को गुमराह कर रही है पंजाब सरकार कोटड़ा खनौरी में किसान नेता काका सिंह कोटड़ा ने पंजाब सरकार पर सुप्रीम कोर्ट को गुमराह करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि दल्लेवाल की सेहत में सुधार हो रहा है।

उन्होंने कहा कि सरकार के इस तर्क पर खुद सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को फटकार लगाई है और पूछा है कि 52 दिनों से भूख हड़ताल पर बैठे व्यक्ति की सेहत में कैसे सुधार हो सकता है। कोटड़ा ने कहा कि पंजाब सरकार द्वारा दल्लेवाल की रिपोर्ट जानबूझकर समय पर सार्वजनिक नहीं की जा रही है और कथित तौर पर गलत रिपोर्ट कोर्ट को दी जा रही है।

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