(राकेश कुमार सिंह की रिपोर्ट),India News (इंडिया न्यूज),Maharashtra New Government:महाराष्ट्र में चुनाव नतीजे 23 नवंबर को आ चुके है लेकिन अभी तक सरकार का गठन नहीं हो पाया है। भावी मुख्यमंत्री कौन होगा यह भी अभी तक तय नहीं है हालांकि देवेन्द्र फडणवीस का नाम सबसे आगे माना जा रहा है लेकिन अभी तक घोषणा नहीं हो पाई है। कल 4 दिसंबर को महाराष्ट्र भाजपा विधायक दल की बैठक में नेता का नाम तय होगा जो महाराष्ट्र का नया मुख्यमंत्री होगा। चलिए आपको बताते हैं कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को कितनी सैलरी मिलती है। बता दें महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को प्रति माह 3 लाख 40 हज़ार रुपये की सैलरी मिलती है ।इसके अलावा, उन्हें कई अन्य सुविधाएँ भी प्राप्त होती हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख सुविधाएँ इस प्रकार हैं।
- आवास सुविधा: मुख्यमंत्री को राज्य सरकार द्वारा एक आधिकारिक आवास प्रदान किया जाता है।
- यात्रा सुविधा: मुख्यमंत्री को राज्य सरकार द्वारा यात्रा के लिए एक ऑफिसियल कार मिलता है।
- चिकित्सा सुविधा: मुख्यमंत्री को राज्य सरकार द्वारा सभी चिकित्सा सुविधाएँ दी जाती हैं।
- सुरक्षा सुविधा: मुख्यमंत्री को राज्य सरकार द्वारा सुरक्षा की सुविधाएँ दी जाती हैं।
- अन्य सुविधाएँ: मुख्यमंत्री को राज्य सरकार द्वारा अन्य सुविधाएँ भी प्रदान की जाती हैं, जैसे कि टेलीफोन, बिजली और पानी की सुविधाएँ।
- यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि मुख्यमंत्री की सैलरी और सुविधाएँ राज्य सरकार द्वारा निर्धारित की जाती हैं और समय-समय पर बदल सकती हैं ।
नाम तय करने में क्यों हो रही है देरी
आखिर मुख्यमंत्री का नाम तय करने में 10 दिन क्यों लग गए ? इस पर विचार करे तो इस बार सबसे बड़ा पेंच एकनाथ शिंदे ने फसाया है जो चुनाव नतीजे आने के बाद खुद को ही मुख्यमंत्री मान रहे थे लेकिन जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ उनकी बैठक हुईं उसमे अमित शाह ने स्पष्ट कह दिए कि इस बार मुख्यमंत्री भाजपा का होगा क्योंकि भाजपा के 132 विधायक जीते है 149 सीट लड़ कर 132 जीतने का अर्थ सबसे ज्यादा 90 प्रतिशत स्ट्राइक रेट रहना है।
क्यों नाराज हैं एकनाथ शिंदे ?
अमित शाह के इस स्पष्ट संदेश के बाद एकनाथ शिंदे दिल्ली से लौटने के बाद पहले दो दिन के लिए सतारा चले गए। उन्होने अपनी नाराजगी जताई बाद में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से फोन पर बात करने के बाद वह मुंबई लौट कर आए लेकिन मुख्यमंत्री निवास की जगह थाने जाकर बैठ गए।
शिंदे की पार्टी के नेताओ का कहना था कि शिंदे चाहते है कि उनको सीएम बनाया जाए सीएम नहीं बनाया जाता है तो कम से कम उप मुख्यमंत्री के साथ उनको गृह मंत्रालय दिया जाए और विधानसभा स्पीकर का पद भी उनकी पार्टी को दिया जाए।लेकिन भाजपा की ओर से उनको साफ शब्दों में बता दिया कि ना गृह मंत्रालय उनको दिया जाएगा ना विधानसभा स्पीकर का पद मिलेगा दोनो पद भाजपा अपने पास ही रखेगी।