India News (इंडिया न्यूज),Mumbai Bus Accident:मुंबई के कुर्ला बस हादसे में 6 लोगों की मौत हो गई और 49 लोग घायल हो गए। इस हादसे के बाद कई सवाल उठ रहे हैं। इस बीच, घटना के बाद का एक विचलित करने वाला वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। यह वीडियो मानवता को शर्मसार करने वाला है। इस वीडियो में एक व्यक्ति को इस दर्दनाक हादसे में जान गंवाने वाली महिला के हाथ से सोने की चूड़ियां निकालते हुए देखा जा सकता है।
कार के नीचे फंसा था शव
मृतक महिला की पहचान 55 वर्षीय फातिमा कनीज अंसारी के रूप में हुई है। जो इस हादसे में मारे गए लोगों में से एक हैं। अस्पताल में काम करती थी महिला बता दें कि फातिमा कनीज अंसारी एक अस्पताल में अटेंडेंट के तौर पर काम करती थी। इस संबंध में एक अधिकारी ने बताया कि वह एसजी बारवे मार्ग पर एक इमारत के बाहर इंतजार कर रही थी, तभी बस ने उसे टक्कर मार दी। सोशल मीडिया पर वायरल हुए इस वीडियो में एक व्यक्ति को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि मेरे पास उसका मोबाइल है। कथित तौर पर, उस व्यक्ति ने महिला की मदद करने और उसके गहनों की सुरक्षा करने के बहाने चूड़ियां ले लीं। हालांकि मृतका के परिजनों ने दावा किया है कि उसका मोबाइल फोन तो लौटा दिया गया, लेकिन चूड़ियां किसी अज्ञात व्यक्ति ने चुरा लीं।
जांच शुरू
इस वीडियो के सामने आने के बाद कुर्ला पुलिस ने जांच शुरू की और अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 303 और 315 के तहत एफआईआर दर्ज की। पुलिस इस वीडियो के साथ मामले की जांच कर रही है। जागरण वीडियो की पुष्टि नहीं करता है। मुंबई में हुए इस बस हादसे के बाद एक सवाल ने जोर पकड़ लिया है, जिसमें कहा जा रहा है कि बृहन्मुंबई इलेक्ट्रिक सप्लाई एंड ट्रांसपोर्ट (बेस्ट) की बसों को चलाने वाले अनुबंधित ड्राइवरों को अपर्याप्त प्रशिक्षण दिया गया था। जिसके परिणामस्वरूप यह हादसा हुआ।
बस का ब्रेक फेल
54 वर्षीय संजय मोरे सोमवार को दुर्घटनाग्रस्त हुई बेस्ट इलेक्ट्रिक बस को चला रहे थे। घटना के बाद इस बात पर अटकलें लगाई जा रही थीं कि क्या हाउसिंग सोसाइटी की दीवार से टकराने से पहले बस के ब्रेक फेल हो गए थे। हालांकि, जांच में पता चला कि ब्रेक ठीक काम कर रहे थे और दुर्घटना मोरे के इलेक्ट्रिक बस चलाने के अपर्याप्त अनुभव के कारण हुई होगी। सूत्रों से पता चला है कि पुलिस पूछताछ में मोरे ने बताया कि उसे इलेक्ट्रिक बस चलाने की सिर्फ़ एक दिन की ट्रेनिंग दी गई थी। उसने बताया कि उसने कई सालों तक मैन्युअल ट्रांसमिशन वाली बसें चलाई हैं। मैन्युअल ट्रांसमिशन वाली गाड़ियों में तीन पैडल होते हैं, जबकि ऑटोमैटिक इलेक्ट्रिक में दो पैडल होते हैं। मैन्युअल से इलेक्ट्रिक में बदलने वाले ड्राइवरों को अक्सर दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। साथ ही, इलेक्ट्रिक गाड़ियाँ मैन्युअल गाड़ियों के मुक़ाबले तेज़ गति से चलती हैं।
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