India News (इंडिया न्यूज), Pahalgam Terror Attack: कश्मीर क्षेत्र के पहलगाम के बैसरन गांव में आतंकियों ने पर्यटकों पर हमला किया है। पर्यटकों के एक समूह को निशाना बनाकर आतंकियों ने कई राउंड फायरिंग की। इसमें कई लोग मारे गए और करीब 20 लोगों के घायल होने की खबर है। हालांकि अभी इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। घायलों का इलाज किया जा रहा है। गृह मंत्री अमित शाह श्रीनगर जा रहे हैं। दूसरी ओर सुरक्षा बलों ने इलाके की घेराबंदी कर आतंकियों के खात्मे के लिए तलाशी अभियान शुरू कर दिया है। इसे सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ की संयुक्त टीम अंजाम दे रही है। चलिए आपको बताते हैं कि आतंकियों ने पर्यटकों और तीर्थयात्रियों को कब-कब निशाना बनाया।

4 जुलाई 1995 को पहलगाम में पर्यटकों का किडनैप

पहलगाम के लिद्दरवाट में आतंकी संगठन हरकत-उल-अंसार के आतंकियों ने छह विदेशी पर्यटकों और दो गाइडों का अपहरण कर लिया था। पर्यटक अमेरिका, ब्रिटेन, नॉर्वे, जर्मनी के थे। एक पर्यटक क्रिश्चियन ऑस्ट्रो की हत्या कर दी गई थी। मसूद अजहर और अन्य आतंकियों की रिहाई की मांग को लेकर आतंकियों ने इस नापाक और कायराना अपहरण की घटना को अंजाम दिया था। यह वह समय था जब कश्मीर घाटी में आतंकवाद अपने चरम पर था। इस दौरान घाटी में कई आतंकी संगठन सक्रिय थे।

20 जुलाई 2001 में तीर्थयात्रियों के शिविर पर हमला

अमरनाथ ग्लेशियर गुफा मंदिर के पास तीर्थयात्रियों के एक शिविर पर आतंकियों ने हमला किया था। इसमें 13 लोग मारे गए थे और 15 घायल हुए थे। हमले में जान गंवाने वालों में 8 तीर्थयात्री, 3 स्थानीय नागरिक और 2 सुरक्षाकर्मी शामिल थे।

14 नवंबर 2005 को श्रीनगर में हमला

श्रीनगर के लाल चौक इलाके में ‘पैलेडियम सिनेमा’ के सामने एक आत्मघाती हमला हुआ था। इसमें सीआरपीएफ के दो जवान शहीद हो गए थे। इसके अलावा 2 नागरिक भी मारे गए थे। इसमें एक जापानी पर्यटक समेत 17 लोग घायल हुए थे।

वर्ष 2000 में अनंतनाग और डोडा में हमले

वर्ष 2000 में आतंकियों ने कश्मीर के अनंतनाग और जम्मू क्षेत्र के डोडा जिले में अमरनाथ यात्रा पर जा रहे तीर्थयात्रियों को निशाना बनाया था। ये हमले 1 और 2 अगस्त को किए गए थे, जिसने जम्मू-कश्मीर ही नहीं बल्कि पूरे देश को हिलाकर रख दिया था। अनंतनाग और डोडा जिलों में हुए पांच हमलों में करीब 100 लोग मारे गए थे। 2 अगस्त को आतंकियों ने पहलगाम के नुनवान बेस कैंप को भी निशाना बनाया था। इस हमले में 21 तीर्थयात्री, 7 स्थानीय दुकानदार और 3 सुरक्षाकर्मी मारे गए थे।

18 मई 2024 को कश्मीर में एक जोड़े पर फायरिंग

पिछले साल आतंकियों ने श्रीनगर में जयपुर के एक जोड़े को निशाना बनाकर उन पर फायरिंग की थी। यह आतंकी हमला जम्मू-कश्मीर में चुनाव से ठीक पहले हुआ था, जो लोकतंत्र से पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद की हताशा की पुष्टि करता है।

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9 जून 2024 में एक बस पर हमला

अनुच्छेद 370 के खत्म होने के बाद जाकिर मूसा, हमीद लाहिड़ी, बुरहान कोका, अब्बास गाजी, रियाज नायकू, हुर्रियत नेता अशरफ सेहराई के आतंकी बेटे जुनैद सेहराई, गाजी हैदर और बासित अहमद डार जैसे बड़े आतंकियों को मार गिराया गया है और आतंकी संगठनों की कमर टूट गई है। यही वजह है कि सीमा पार से लगातार जम्मू क्षेत्र को निशाना बनाने की साजिशें रची जा रही हैं। साजिश की इसी कड़ी में आतंकियों ने रियासी जिले में तीर्थयात्रियों से भरी बस पर अंधाधुंध फायरिंग की। इस हमले में 9 लोग मारे गए थे और 33 घायल हुए थे।

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