India News( इंडिया न्यूज़),Pithampur Chemical Waste Plant: मध्यप्रदेश के भोपाल यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री में 40 साल से पड़ा रासायनिक कचरा अब पीथमपुर में सुरक्षित तरीके से नष्ट किया जाएगा। बता दें कि कचरे को 12 कंटेनरों में लोड कर रात 12 बजे रवाना किया जाएगा।
250 किलोमीटर लंबा ग्रीन कॉरिडोर तैया
बता दें, इसके लिए भोपाल से पीथमपुर तक 250 किलोमीटर लंबा ग्रीन कॉरिडोर तैयार किया गया है। इस कचरे को 12 कंटेनरों में लोड कर रात 12 बजे रवाना किया जाएगा। इन कंटेनरों में कचरे को सीपीसीबी द्वारा निर्धारित सुरक्षा मानकों के तहत पैक और परिवहन किया जाएगा। इस कार्य के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। कंटेनरों के साथ पुलिस सुरक्षा बल, एंबुलेंस, फायर ब्रिगेड और क्विक रिस्पॉन्स टीम तैनात रहेगी। कंटेनर लीक प्रूफ और फायर रेजिस्टेंट होंगे, और प्रत्येक कंटेनर में दो प्रशिक्षित ड्राइवर होंगे। कंटेनरों का मूवमेंट जीपीएस से मॉनिटर किया जाएगा। ग्रीन कॉरिडोर भोपाल, सीहोर, देवास, इंदौर, धार होते हुए पीथमपुर तक होगा।
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प्लांट के जरिए कचरे का नष्ट को किया जाएगा
कचरे का निस्तारण पीथमपुर स्थित विशेष प्लांट में किया जाएगा, जो खतरनाक और रासायनिक कचरे के सुरक्षित निष्पादन के लिए बनाया गया है। इस प्लांट में भस्मीकरण के जरिए कचरे का नष्ट किया जाएगा। मध्य प्रदेश में औद्योगिक इकाइयों द्वारा उत्पन्न खतरनाक अपशिष्ट पदार्थों के निपटान के लिए यह प्लांट स्थापित किया गया है।यह कदम सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के आदेशों के अनुसार उठाया गया है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि पर्यावरण पर कोई नकारात्मक प्रभाव न पड़े। 2015 में पहले 10 मीट्रिक टन कचरे का निपटान किया गया था, और अब शेष 337 मीट्रिक टन का निपटान किया जा रहा है।