India News (इंडिया न्यूज़),Budget 2024: चूंकि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को 2024 के आम चुनाव से पहले आखिरी अंतरिम बजट पेश करने वाली हैं, इसलिए करदाताओं को अनुकूल बदलाव की उम्मीद है। लेकिन बजट को बेहतर ढंग से समझने के लिए, आइए दस्तावेज़ में उपयोग किए गए प्रमुख शब्दों पर नज़र डालें।

कर कटौती (Tax deduction)

कर कटौती को अपने कर बिल पर छूट के रूप में समझ सकते हैं। उदाहरण के लिए, ₹50,000 की मानक कटौती से आपकी कुल आय कम हो जाती है, जिससे कर योग्य राशि कम हो जाती है। पीपीएफ, एनएससी और टैक्स-सेविंग एफडी में निवेश पर धारा 80सी के तहत कटौती मिल सकती है।

छूट (Rebate)

यह कुल आयकर में कमी है जो करदाताओं के लिए कर के बोझ को कम करके आर्थिक गतिविधि को प्रोत्साहित करती है।

कर अधिभार (Tax surcharge)

यह ₹50 लाख से अधिक आय वाले करदाताओं पर लागू होता है क्योंकि अधिभार मौजूदा कर दर पर लागू एक अतिरिक्त कर है। 30 प्रतिशत कर दर पर 10 प्रतिशत अधिभार कुल कर देनदारी को 33 प्रतिशत तक बढ़ा देगा।

कर पर उपकर (Cess on tax)

यह स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे विशिष्ट उद्देश्यों को पूरा करने के लिए आयकर पर लगाया गया एक अतिरिक्त कर है। यह अधिभार सहित कुल कर देनदारी पर लगाया जाता है और वर्तमान में 4 प्रतिशत है।

नई कर व्यवस्था (New tax regime)

नई कर व्यवस्था 2022 में पेश की गई थी और इसमें रियायती दरों के साथ सात स्लैब हैं। वित्तीय वर्ष 2023-24 में यह पुरानी कर व्यवस्था की जगह लेते हुए डिफॉल्ट व्यवस्था बन गई।

पुरानी कर व्यवस्था (Old tax regime)

पुरानी कर व्यवस्था में चार स्लैब थे जिनमें 10 लाख रुपये से अधिक की आय पर 30 प्रतिशत की उच्चतम कर दर थी।

टीडीएस (TDS)

यह आय के स्रोत पर कर एकत्र करने का एक तरीका है, जैसे बैंक ब्याज आय स्थानांतरित करते समय कर काटते हैं।

कर बचाने के साधन

इनमें पीपीएफ, एनएससी और एनपीएस शामिल हैं जो करदाताओं को अपने आयकर में कटौती का दावा करने की अनुमति देते हैं।

कर संग्रहण करने के स्रोत (TCS)

यह बिक्री के समय विक्रेता द्वारा खरीदार से कर के रूप में एकत्र की गई एक अतिरिक्त राशि है। इसे कर प्राधिकरण के पास जमा किया जाता है।

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