इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
Aadhaar: आधार कार्ड एक भारतीय नागरिक होने का सबसे बड़ा प्रमाण है। पहले केंद्र सरकार ने आधार कार्ड को पैन कार्ड और बैंक से लिंक करवाया है, लेकिन अब आधार कार्ड को वोटर आईडी से भी लिंक करना पड़ेगा। केंद्र सरकार ने यह फैसला इसलिए लिया ताकि देश में फर्जी वोटिंग पर लगाम लगाई जा सके।
आपको बता दें कि बीते बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में चुनाव में होने वाली फर्जी वोटिंग रोकने के लिए बिल को मंजूरी मिली है। इसके तहत आने वाले समय में वोटर आईडी को आधार कार्ड से जोड़ा जाएगा। सरकार ने चुनाव आयोग की सिफारिश के आधार पर ही यह फैसला किया है। ताकि मतदाता सूची ज्यादा पारदर्शी हो और फर्जी वोटर हटाए जा सकें। आधार को वोटर कार्ड से जोड़ने से आदमी एक से ज्यादा वोटर कार्ड नहीं रख सकेगा।
कई बार देखा जाता है कि किसी व्यक्ति का उसके शहर के वोटर लिस्ट में नाम है और वह लंबे समय से दूसरे शहर में रह रहा है। इसके चलते वह दूसरे शहर की वोटर लिस्ट में भी नाम जुड़वा लेता है। ऐसे में दोनों जगहों पर उसका नाम वोटर लिस्ट में रहता है। आधार से लिंक होते ही एक वोटर का नाम केवल एक ही जगह वोटर लिस्ट में हो सकेगा। यानी, एक शख्स केवल एक जगह ही अपना वोट दे पाएगा।
क्या सभी को आधार लिंक करवाना होगा? Aadhaar
फिलहाल ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया गया है जिसमें हर वोटर कार्ड रखने वाले को आधार से लिंक कराने की बात की गई हो। यानी के अगर आप वोटर कार्ड से आधार लिंक नहीं कराना चाहते तो इसके लिए आप बाध्य नहीं है। हालांकि सरकार इसे बाद में हर नागरिक के लिए जरूरी कर सकती है।
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