India News (इंडिया न्यूज), India-Pakistan Trade: भारत-पाक के बीच व्यापार प्रतिबंधों के बावजूद, भारत से 10 अरब डॉलर से अधिक मूल्य का माल हर साल दुबई, सिंगापुर और कोलंबो जैसे बंदरगाहों के माध्यम से अप्रत्यक्ष रूप से पाकिस्तान पहुंच रहा है। कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए बर्बर आतंकवादी हमलों के बाद लगाए गए व्यापार प्रतिबंधों के मद्देनजर आर्थिक थिंक टैंक ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) ने एक नोट में कहा, “भारतीय कंपनियां इन बंदरगाहों पर माल भेजती हैं। वहां एक स्वतंत्र कंपनी माल उतारती है और उन्हें बॉन्डेड गोदामों में स्टोर करती है। माल को ट्रांजिट के दौरान ड्यूटी चुकाए बिना वहां रखा जा सकता है।
कैसे जारी रहता है व्यापार?
- थिंक टैंक ने कहा, ट्रांजिट के बाद गोदाम में रखे गए माल के लेबल और दस्तावेजों को किसी दूसरे देश के मूल देश को दिखाने के लिए संशोधित किया जाता है। ऐसी स्थिति में माल किसी तीसरे देश से आता हुआ प्रतीत होता है और फिर उसे ऊंचे दामों पर बेचा जाता है।
- बता दें कि यह तरीका कंपनियों को व्यापार प्रतिबंधों को दरकिनार करने के साथ साथ तीसरे देश के रास्ते से ऊंचे दामों पर माल बेचने में मदद करता है। यह तरीका जांच से भी बचाता है, क्योंकि ऐसा लगता है कि व्यापार दूसरे देशों से हो रहा है।
- GTRI के संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने कहा, व्यापार का यह तरीका हमेशा अवैध नहीं होता, लेकिन यह भ्रामक है। इससे पता चलता है कि व्यापार के लिए कितने रचनात्मक तरीके खोजे जाते हैं। कई बार उनकी चाल सरकारों की प्रतिक्रिया से भी तेज होती है।
यहां जानिए इस व्यापार के इस तरीके पूरा गुणा भाग
GTRI के नोट में उत्पादों के लेबल बदलने और उन्हें ऊंचे दामों पर बेचने के गणित को एक उदाहरण के जरिए समझाया गया है।
- मान लीजिए कि कोई कंपनी भारत से दुबई में एक लाख डॉलर के ऑटो पार्ट्स निर्यात करती है। भारत में निर्मित इन उत्पादों पर मेड इन यूएई का लेबल लगाकर उन्हें 1.30 लाख डॉलर में पाकिस्तान भेज दिया जाता है, जिसके साथ भारत का कोई सीधा व्यापार नहीं है। इस ऊंचे दाम में भंडारण, कागजी कार्रवाई और बंद बाजार तक पहुंच भी शामिल है।
पुलवामा हमले के बाद भारत ने बढाया 200% शुल्क
2019 में पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के व्यापारिक संबंध खराब हो गए थे। इसके बाद भारत ने पड़ोसी देश से आयात होने वाले सभी सामानों पर आयात शुल्क बढ़ाकर 200% कर दिया था। इसमें ताजे फल, सीमेंट, पेट्रोलियम उत्पाद और खनिज अयस्क शामिल हैं। इससे पहले 2017-18 में पाकिस्तान का भारत को निर्यात 488.5 मिलियन डॉलर था। उस समय पाकिस्तान से आयात होने वाली दो मुख्य वस्तुएं फल और सीमेंट थीं।
- अप्रैल-जनवरी, 2024-25 में पाकिस्तान को भारत का निर्यात 447.6 मिलियन डॉलर रहा, जबकि आयात 4.2 मिलियन डॉलर रहा।
- 2023-24 में पाकिस्तान को भारत का निर्यात 1.18 बिलियन डॉलर था।