India News (इंडिया न्यूज), US Economy Slowdown: डोनाल्ड ट्रंप की संक अब अमेरिका पर पर ही भरी पड़ रही है। दरअसल अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा पूरी दुनिया में छेड़े गए टैरिफ युद्ध के कारण उनका खुद का देश भी इसकी चपेट में आ गया है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था अमेरिका में मंदी के संकेत हैं? अमेरिका की हालत ऐसी हो गई है कि जनवरी से मार्च तक के पिछले तीन महीनों की पहली तिमाही के दौरान अमेरिकी अर्थव्यवस्था 0.3 प्रतिशत तक फिसल गई है। यह स्थिति पिछले तीन सालों में पहली बार देखने को मिली है। अमेरिकी वाणिज्य विभाग द्वारा जारी अनुमान में यह बताया गया है।
अमेरिकी अर्थव्यवस्था का बुरा हाल
पहली तिमाही में अर्थव्यवस्था की इस धीमी गति और गिरावट का एक कारण यह भी है कि अमेरिकी कंपनियों ने ट्रंप के टैरिफ के डर से विदेशों से बहुत सारा सामान आयात किया। अगर जनवरी से मार्च के बीच अमेरिकी जीडीपी में आई गिरावट की तुलना एक साल पहले यानी 2024 से करें तो उस समय अमेरिकी अर्थव्यवस्था में 2.4 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई थी।
एपी की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका में आयात करीब 41 फीसदी बढ़ा है, जो 2020 के बाद सबसे ज्यादा है। उपभोक्ता खर्च में भी भारी गिरावट देखने को मिली और यह पिछले साल अक्टूबर से दिसंबर के 4 फीसदी से घटकर 1.8 फीसदी पर आ गया। अर्थव्यवस्था में आई इस गिरावट का सीधा असर अमेरिकी शेयर बाजार पर पड़ रहा है। जीडीपी के आंकड़े जारी होते ही डाउ जोंस 400 अंक लुढ़क गया। वहीं, एसएंडपी 500 भी 1.5 फीसदी फिसला। जबकि नैस्डैक कंपोजिट में 2 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है।
क्या मंदी आएगी?
अमेरिका में इतनी बड़ी मात्रा में आयात पहली बार 1972 में और फिर कोरोना काल में और फिर अब हुआ है। हालांकि, दूसरी तिमाही में इसका उलट देखने को मिल सकता है और जीडीपी पर दबाव कम हो सकता है। कैपिटल इकोनॉमिक्स के पॉड अश्वार्थ का मानना है कि अप्रैल-जून के बीच अर्थव्यवस्था 2 फीसदी की ग्रोथ पर लौट सकती है। हालांकि, कई अर्थशास्त्रियों का मानना है कि ट्रंप द्वारा लगाए गए भारी करों के कारण दूसरी तिमाही में भी अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचेगा और मंदी का खतरा बढ़ रहा है।