(दिल्ली) : अडानी ग्रुप को लेकर आई हिंडनबर्ग की रिपोर्ट ने शेयर बाजार से लेकर पूरे देश की राजनीति में बवाल मचा रखा है। अडानी समूह के मसले ने संसद में विपक्षी दलों को भी एकजुट होने का मौका दे दिया है। देश के तमाम सत्ता विरोधी दल हिंडेनबर्ग रिपोर्ट पर जांच के लिए जेपीसी के गठन की मांग को लेकर संसद में लगातार हंगामा कर रहे हैं। सरकार और अडानी पर निशाना साध रहे है। इसी बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ी पत्रिका ऑर्गेनाइजर ने अडानी समूह के समर्थन में मैदान में कूद गयी है। ऑर्गेनाइजर ने अपने मुखपत्र में यह आरोप लगाया है कि गौतम अडानी को टारगेट कर, सुनियोजित साजिश के तहत उनकी छवि को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। बता दें, ऑर्गेनाइजर में ‘ डिकोडिंग द हिट जॉब बाई हिंडनबर्ग अगेंस्ट अडानी ग्रुप ‘ शीर्षक से छपे लेख में गौतम अडानी और हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बारे में विस्तृत रिपोर्ट दी है।

2016-17 में ऑस्ट्रेलिया से रची गयी अडानी के खिलाफ साजिश

‘ डिकोडिंग द हिट जॉब बाई हिंडनबर्ग अगेंस्ट अडानी ग्रुप ‘ रिपोर्ट में आरएसएस की मुखपत्र कही जाने वाली पत्रिका ऑर्गेनाइजर ने यहां तक आरोप लगाया गया है कि अडानी समूह पर हमले की शुरूआत 25 जनवरी 2023 से शुरू नहीं हुई है बल्कि इसे टारगेट करने की कहानी कई वर्ष पहले 2016-17 में ऑस्ट्रेलिया में रची गई थी और इसके लिए एक एनजीओ ने वेबसाइट भी चलाया है। लेख में उस एनजीओ और वेबसाइट का नाम भी बताया गया है।

सुनियोजित षड्यंत्र के तहत अडानी के खिलाफ साजिश

मालूम हो, ऑगेर्नाइजर ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को पूरी तरह से प्लानिंग के साथ बनाने के तथ्य को उजागर करते हुए लिखा गया है कि इस रिपोर्ट के आने के बाद भारत की एक लॉबी ने अडानी के खिलाफ नकारात्मक नैरेटिव तैयार किया है। लेख में कई विदेशी एनजीओ के साथ ही भारतीय एनजीओ, सीपीएम नेता सीताराम येचुरी की पत्नी एवं कई अन्य पत्रकारों के साथ-साथ उद्योगपतियों के जन्म का भी जिक्र किया गया है। ऑगेर्नाइजर के इस लेख में कई कड़ियों को जोड़ते हुए और फंडिंग पैटर्न का हवाला देते अडानी के खिलाफ एक सुनियोजित षड्यंत्र रचने की बात कही गई है।

वामपंथी लॉबी अडानी के पीछे पड़ी

बता दें, ऑर्गनाइजर ने ‘डिकोडिंग द हिट जॉब बाई हिंडनबर्ग अगेंस्ट अडानी ग्रुप’ लेख में लिखा कि एक वामपंथी लॉबी है जो अडानी के पीछे पूरी ताकत के साथ पड़ी हुई है। हिंडनबर्ग रिपोर्ट को लेकर लेख में कहा गया है कि अडानी के खिलाफ ये प्री-प्लांड साजिश है। संघ के मुखपत्र में यह भी लिखा गया है कि ये हमला बहुत कुछ वैसा ही है जैसा भारत विरोधी जॉर्ज सोरोस ने बैंक ऑफ इंग्लैंड और बैंक ऑफ थाईलैंड पर किया था और उन्हें बर्बाद कर दिया था।