इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
पिछले वित्त वर्ष की तुलना में वित्त वर्ष 22 में आयकर रिटर्न की संख्या 24 लाख बढ़ी है। यह जानकारी केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड की अध्यक्ष संगीता सिंह ने शनिवार को दी है। उन्होंने कहा कि पिछले वित्त वर्ष में आयकर रिटर्न की संख्या 7.14 करोड़ रही, जबकि इससे पिछले वित्तीय वर्ष में 6.9 करोड़ थी।
आयकर रिटर्न की संख्या में इजाफे को सीबीडीटी अध्यक्ष ने डिजिटल इंडिया के बारे में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की पहल और आह्वान का असर करार दिया है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के दौरान, लोगों ने अधिक डिजिटल रूप से भुगतान करना शुरू कर दिया है। इसी कारण लोगों के दिमाग में बदलाव आया है।
सीबीडीटी अध्यक्ष ने कहा कि करदाताओं के आधार और संशोधित रिटर्न दाखिल करने में भी वृद्धि हुई है। बोर्ड कर संग्रह में वृद्धि देख रहा है, जो आमतौर पर तब होता है, जब देश आर्थिक विकास में ऊपर की ओर रुझान दिखा रहा है।
कर संग्रह 14 लाख करोड़ रुपये से अधिक
संगीता सिंह ने कहा कि यदि आर्थिक गतिविधियां अधिक हो रही हैं तो खरीद और बिक्री में भी वृद्धि होगी। जब तक अर्थव्यवस्था ऊपर की ओर नहीं जाती है, तब तक करों में वृद्धि नहीं हो सकती है। उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2022 के लिए कर संग्रह 14 लाख करोड़ रुपये से अधिक है, जो कि वित्त वर्ष 2020 के संग्रह की तुलना में काफी अच्छा है। सीबीडीटी द्वारा प्रमुख मुख्य आयुक्तों के माध्यम से आउटरीच कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिससे लोगों को करों के भुगतान के बारे में पता चलता है। इस दौरान अपडेटेड रिटर्न्स जैसी पहलों को भी अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है।
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