India News (इंडिया न्यूज),India’s Smartphone Exports:विदेशियों को भारत में बने मेड इन इंडिया उत्पाद काफी पसंद आ रहे हैं। यही वजह है कि इन मेड इन इंडिया उत्पादों की मांग दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। वित्त वर्ष 2024-25 में स्मार्टफोन निर्यात के क्षेत्र में भारत ने एक नया मील का पत्थर छू लिया है। इस साल भारत ने 24.14 अरब डॉलर के स्मार्टफोन निर्यात किए, जो पिछले वित्त वर्ष 2023-24 में 15.57 अरब डॉलर था। यह 55% की प्रभावशाली वृद्धि दर्शाता है और यह दर्शाता है कि भारत अब प्रौद्योगिकी आधारित उत्पादों के निर्यात में एक प्रमुख खिलाड़ी बन रहा है।
भारत में स्मार्टफोन निर्यात की इस वृद्धि का मुख्य कारण केंद्र सरकार की प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) योजना है, जिसे 2020 में लॉन्च किया गया था। इस योजना के तहत कंपनियों को भारत में बने उत्पादों पर प्रोत्साहन मिलता है। एप्पल और सैमसंग जैसी बड़ी विदेशी कंपनियों ने इस योजना का लाभ उठाकर भारत में अपनी उत्पादन इकाइयों को मजबूत किया है।
अमेरिका बना सबसे बड़ा खरीदार
इस साल भारत के स्मार्टफोन निर्यात के लिए अमेरिका सबसे बड़ा बाजार बना, जहां से 10.6 अरब डॉलर के स्मार्टफोन निर्यात किए गए। जापान, नीदरलैंड, इटली और चेक गणराज्य जैसे देशों में भी भारतीय स्मार्टफोन की मांग तेजी से बढ़ी है। फॉक्सकॉन, टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स और पेगाट्रॉन जैसी कंपनियों के जरिए भारत में बने आईफोन अब कुल निर्यात का करीब 70 फीसदी हिस्सा बनाते हैं।
अर्थव्यवस्था को बढ़ावा
स्मार्टफोन निर्माण में वृद्धि ने तमिलनाडु, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में लाखों लोगों को रोजगार दिया है। फॉक्सकॉन की चेन्नई इकाई और टाटा की होसुर फैक्ट्री इसके बड़े उदाहरण हैं। इससे भारत के समावेशी विकास की राह भी मजबूत हुई है।
2030 का लक्ष्य
सरकार का लक्ष्य 2030 तक 300 अरब डॉलर का इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात हासिल करना है, जिसमें स्मार्टफोन अहम भूमिका निभाएंगे। मौजूदा रफ्तार को देखते हुए भारत जल्द ही वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण का बड़ा केंद्र बन सकता है।
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