India News (इंडिया न्यूज), Rupee Vs Dollar: भारतीय रुपया लगातार कमजोर होता जा रहा है। डॉलर की बढ़ती ताकत के बीच भारतीय रुपया अपने अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है। हम आपको जानकारी के लिए बता दें कि, सोमवार (13 जनवरी, 2025) को रुपया अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया, पहली बार भारतीय रुपया 86 के ऊपर पहुंचा। शुरुआती कारोबार में ही भारतीय रुपया डॉलर के मुकाबले 86 के ऊपर पहुंच गया।

पहली बार अपने निचले स्तर पर पहुंचा रुपया

जानकारी के अनुसार, आज शुरुआती कारोबार में ही भारतीय रुपया बेबस नजर आया और 27 पैसे की गिरावट के साथ अमेरिकी डॉलर के मुकाबले अपने अब तक के सबसे निचले स्तर 86.31 पर पहुंच गया। अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप की वापसी के बाद वहां के हालात लगातार बदल रहे हैं, जिसकी वजह से डॉलर मजबूत हो रहा है। डॉलर की मजबूती के साथ ही भारतीय रुपया कमजोर हो रहा है। बताया जा रहा है कि, भारतीय रुपये में गिरावट की सबसे बड़ी वजह डॉलर की मजबूती है। 

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बेहतर कर रही अमेरिका की अर्थव्यवस्था

ट्रंप की वापसी के बाद अमेरिकी अर्थव्यवस्था ने उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन किया है। अर्थव्यवस्था की मजबूती के बीच अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने 2025 के लिए प्रस्तावित ब्याज दरों में कटौती वापस ले ली है। ट्रंप की नीतियों से अमेरिकी कंपनियों और अमेरिकी बाजार को बेहतर प्रदर्शन मिलने की उम्मीद है। कॉरपोरेट टैक्स में कटौती और टैरिफ बढ़ोतरी से डॉलर मजबूत हो रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति का पद संभालने जा रहे डोनाल्ड ट्रंप ने आते ही टैरिफ बढ़ाने की बात कही है। कई देशों के साथ व्यापार पर प्रतिबंध लगाने का दबाव बढ़ेगा, जिससे डॉलर के और मजबूत होने की उम्मीद है। 

भारतीय बाजार छोड़ रहे विदेशी निवेशक

विदेशी निवेशकों का भारतीय बाजार छोड़ने का सिलसिला जारी है, जिससे भारतीय मुद्रा पर दबाव बढ़ रहा है। इतना ही नहीं, कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों और घरेलू शेयर बाजारों में गिरावट का भी भारतीय मुद्रा पर नकारात्मक असर पड़ा है। भारत का निर्यात आयात से कम है, जिससे रुपया कमजोर हो रहा है।रुपये के कमजोर होने का असर सरकार के साथ-साथ आम लोगों की जिंदगी पर भी देखने को मिलेगा। हम आपको जानकारी के लिए बता दें कि, रुपये के गिरने से आयात महंगा हो जाता है। निर्यात सस्ता हो जाता है। रुपया कमजोर होने पर सरकार को विदेशों से सामान खरीदने के लिए ज्यादा खर्च करना पड़ता है। खर्च ज्यादा होगा तो महंगाई का असर आम लोगों तक पहुंचेगा। रुपया कमजोर हुआ तो आयात बिल बढ़ेगा, पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ सकते हैं। यानी महंगाई से जूझना पड़ेगा।

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