India News (इंडिया न्यूज), Dollar Vs Rupee : पीएम मोदी और राष्ट्रपति के बीच हुई मुलाकात के बाद भारत के लिए अच्छी खबर सामने आई है। तीसरे दिन लगातार भारतीय रुपया डॉलर को पटखनी देता हुआ दिखाई दे रहा है। मंगलवार से शुरू हुआ ​ये सिलसिला गुरुवार को भी देखने को मिला। वहीं एशिया की दूसरी करेंसीज की बात करें, जिसमें चीन हो या फिर जापान वो डॉलर के सामने अभी तक भारतीय रुपया जैसी हिम्मत नहीं दिखा सके हैं। रूपया में आई इस तेजी के पीछे आरबीआई के हस्तक्षेप और भारत में महंगाई के आंकड़ों में कमी आने और अमेरिका में भी महंगाई आंकड़े उम्मीद से ज्यादा होना बताया जा रहा है। वहीं जानकारों की माने तो आने वाले दिनों में ये तेजी जारी रह सकती है।

बुधवार को कारोबारी दिन में ज्यादातर समय रुपए में तेजी देखने को मिली। लेकिन बाजार बंद होने से रुपए में गिरावट भी देखी गई। वो एक अलग बात है। लेकिन मंगलवार को भारतीय रुपए में करीब एक फीसदी की तेजी देखने को मिली थी जो दो साल की सबसे लंबी छलांग थी। गुरुवार को भी रुपए में डॉलर के मुकाबले में 14 पैसे ज्यादा का इजाफा देखने को मिल।

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डॉलर के मुकाबले रुपए में तेजी जारी

विदेशों में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट की वजह से गुरुवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 14 पैसे चढ़कर 86.81 पर पहुंच गया है। इसके अलावा बुधवार को सरकार द्वारा जारी उम्मीद से बेहतर महंगाई आंकड़ों के कारण घरेलू इक्विटी बाजारों में कुछ सुधार के कारण समर्थन मिला। इंटरबैंक फॉरेन करेंसी में, रुपया 86.82 पर मजबूत खुला और शुरुआती कारोबार के दौरान ग्रीनबैक के मुकाबले पिछले बंद से 14 पैसे की बढ़त के साथ 86.81 पर पहुंच गया। मंगलवार को पिछले सत्र में, रुपया 66 पैसे मजबूत हुआ था, जो 3 मार्च, 2023 के बाद से अधिकतम एक दिन की बढ़त दर्ज करते हुए ग्रीनबैक के मुकाबले 86.79 पर बंद हुआ था।

दुनिया में कम हो रही है डॉलर की ताकत

रिपोर्ट्स के मुताबिक डॉलर एक्सचेंज 0.22 फीसदी की गिरावट के साथ 107.59 पर कारोबार कर रहा है। आंकड़ों को देखें तो डॉलर इंडेक्स बीते एक महीने में 1.20 फीसदी की गिरावट देख चुका है। वहीं मौजूदा साल में डॉलर इंडेक्स में 0.77 फीसदी की गिरावट देखने को मिल चुकी है। जबकि एक बरस में डॉलर इंडेक्स में 3.21 फीसदी का इजाफा देखने को मिला है। जानकारों की मानें तो अभी करेंसी मार्केट काफी अनस्टेबल है। ऐसा माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में डॉलर और रुपए के बीच खींचतान जारी रह सकती है। उसका प्रमुख कारण अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का ट्रेड वॉर है। जिसकी वजह से पूरी दुनिया की ​अनिश्चितता का माहौल बना हुआ है।

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