India News (इंडिया न्यूज), IndusInd Bank Share Crash: महाराष्ट्र कोऑपरेटिव बैंक हो, न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक हो या फिर यस बैंक, जब भी किसी बैंक की कोई समस्या सामने आती है तो सबसे ज्यादा परेशानी आम ग्राहकों और खाताधारकों को ही होती है। बैंक में अपनी जमा-पूंजी रखकर चैन की नींद सोने वाले खाताधारकों की चिंताएं फिर से बढ़ने लगी हैं। इंडसइंड बैंक में जो कुछ भी हो रहा है, उससे बैंक के ग्राहकों के मन में फिर से यह चिंता बढ़ गई है कि क्या बैंकों में जमा आपका पैसा या एफडी सुरक्षित है? लोग यस बैंक को मिस कर रहे हैं।
क्या है पूरा मामला?
निजी क्षेत्र के बैंक इंडसइंड बैंक के शेयरों में मंगलवार को उथल-पुथल देखने को मिली। बैंक के शेयरों में 27 फीसदी की गिरावट आई। इससे पहले सोमवार को बैंक के शेयरों में 5 फीसदी की गिरावट आई थी। लगातार पांचवें दिन गिरने के बाद इंडसइंड बैंक का शेयर एनएसई पर 27.06 फीसदी गिरकर 52 हफ्तों के निचले स्तर 656 रुपये पर आ गया। जिस शेयर की कीमत कभी 1,576 रुपये थी, वह गिरकर 656 रुपये पर आ गया। शेयर के टूटने के बाद लोगों को यस बैंक के दिन याद आ रहे हैं।
किस वजह से गिरा इंडसइंड बैंक का शेयर?
पिछले एक साल में इंडसइंड बैंक के शेयर में 40 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आ चुकी है। मंगलवार को तो हद ही हो गई। बैंक के शेयर में एक ही दिन में 27 फीसदी की गिरावट आ गई। इंडसइंड बैंक के फॉरेक्स डेरिवेटिव पोर्टफोलियो के खातों में अनियमितताओं की खबर सामने आने के बाद निवेशकों में डर का माहौल बन गया। फॉरेक्स डेरिवेटिव पोर्टफोलियो के खातों में करीब 1,577 करोड़ रुपये की अनियमितताओं का खुलासा होने के बाद बैंक के शेयरों में तेज गिरावट शुरू हो गई।
शेयरों में गिरावट के कारण इंडसइंड बैंक का मार्केट कैप भी यस बैंक से पिछड़ गया। यस बैंक का मार्केट कैप 51,350 करोड़ रुपये के पार पहुंच गया, वहीं इंडसइंड बैंक का मार्केट कैपिटलाइजेशन 51,110 करोड़ रुपये पर फिसल गया। यानी मार्केट कैप के मामले में यस बैंक इंडसइंड बैंक से ऊपर पहुंच गया।
बैंकों में कितना सुरक्षित है आपका पैसा?
फिक्स्ड डिपॉजिट या एफडी को सबसे सुरक्षित निवेश माना जाता है। लेकिन बैंकों में हो रही गड़बड़ी ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है। सुनिश्चित रिटर्न और जोखिम मुक्त प्रकृति के कारण एफडी लोगों की पहली पसंद रही है, लेकिन चिंता तब बढ़ जाती है जब बैंक डूब जाते हैं। वैसे तो एफडी सुनिश्चित रिटर्न वाला निवेश है, लेकिन अगर बैंक में कोई दिक्कत आती है तो आरबीआई बैंक से निकासी पर रोक लगा देता है। लोगों का पैसा फंस जाता है। अगर बैंक डूब जाता है तो बैंक जमा पर बीमा कवर के तहत 5 लाख रुपये तक वापस मिलते हैं। डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) की रकम बढ़ाने की मांग हो रही है। यानी बैंक डूबने की स्थिति में आपको कम से कम 5 लाख रुपये जरूर मिलेंगे।