India News (इंडिया न्यूज), Farmers Collateral Free Loans: भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर ने अपनी पिछली मौद्रिक नीति में किसानों को बड़ी राहत दी है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बढ़ती महंगाई से किसानों को राहत देने के उद्देश्य से बिना गारंटी के दो लाख रुपये तक का लोन देने की घोषणा की है। फिलहाल यह सीमा 1.6 लाख रुपये है। इससे पहले आरबीआई ने लगातार 11वीं बार रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं करने का फैसला किया। इसका मतलब है कि रेपो रेट 6.5 फीसदी पर बनी रहेगी। वहीं दूसरी ओर सरकार ने कैश रिजर्व रेशियो को घटाकर 4 फीसदी कर दिया है। जिससे देश के बैंकों को 1.15 लाख करोड़ रुपये का बूस्ट मिलेगा।
किसानों के लिए सुकून की बात
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को मौद्रिक नीति समीक्षा की जानकारी देते हुए कहा कि महंगाई और कृषि में इस्तेमाल होने वाले कच्चे माल की लागत में बढ़ोतरी को देखते हुए गारंटी मुक्त कृषि लोन की सीमा 1.6 लाख रुपये से बढ़ाकर 2 लाख रुपये करने का फैसला किया गया है। उल्लेखनीय है कि 2010 में आरबीआई ने कृषि क्षेत्र को बिना किसी गारंटी के देने के लिए एक लाख रुपये की सीमा तय की थी। बाद में 2019 में इसे बढ़ाकर 1.6 लाख रुपये कर दिया गया। आरबीआई ने कहा कि इस संबंध में जल्द ही एक परिपत्र जारी किया जाएगा।
11वीं बार रेपो दर में नहीं हुआ कोई बदलाव
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को चालू वित्त वर्ष की पांचवीं मौद्रिक नीति बैठक में लगातार 11वीं बार नीतिगत दर में कोई बदलाव नहीं किया और इसे 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा। हालांकि, अर्थव्यवस्था में नकदी बढ़ाने के उद्देश्य से केंद्रीय बैंक ने सीआरआर (नकद आरक्षित अनुपात) को 4.5 प्रतिशत से घटाकर चार प्रतिशत कर दिया। इस कदम से बैंकों में 1.16 लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त नकदी उपलब्ध होगी।
आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान 7.2 फीसदी से घटकर 6.6 फीसदी
सीआरआर के तहत वाणिज्यिक बैंकों को अपनी जमा राशि का एक निश्चित हिस्सा केंद्रीय बैंक के पास नकद भंडार के रूप में रखना होता है। इसके साथ ही आरबीआई ने मौजूदा हालात को देखते हुए चालू वित्त वर्ष के लिए आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान 7.2 फीसदी से घटाकर 6.6 फीसदी कर दिया है। आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष के लिए खुदरा मुद्रास्फीति का अनुमान भी 4.5 फीसदी से बढ़ाकर 4.8 फीसदी कर दिया है।