India News (इंडिया न्यूज),Mukesh Ambani Reliance:एशिया के दिग्गज और सबसे अमीर व्यक्ति मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज ने 2.9 बिलियन डॉलर (करीब 25,000 करोड़ रुपये) का विदेशी ऋण हासिल किया है, जिसे इस साल भारत का सबसे बड़ा विदेशी ऋण माना जा रहा है। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, यह ऋण 55 बैंकों के समूह द्वारा सिंडिकेटेड रूप में दिया गया है, जो इस साल एशिया में किसी भी कंपनी को दिया गया सबसे बड़ा सिंडिकेटेड ऋण है।
सिंडिकेटेड ऋण का मतलब है जब कई बैंक मिलकर किसी कंपनी को ऋण देते हैं, जिससे जोखिम का बंटवारा हो जाता है। इस ऋण को दो भागों में विभाजित किया गया है – पहला भाग 2.4 बिलियन डॉलर का है और दूसरा भाग 67.7 बिलियन येन (करीब 462 मिलियन डॉलर) का है। इस समझौते को 9 मई को अंतिम रूप दिया गया।
सबसे बड़ा वैश्विक ऋण
ब्लूमबर्ग के आंकड़ों के अनुसार, एशिया-प्रशांत क्षेत्र (जापान को छोड़कर) में ऋण देने का स्तर इस साल 20 साल के निचले स्तर पर है, जहां अब तक केवल 29 बिलियन डॉलर के ऋण सौदे हुए हैं। ऐसे में रिलायंस इंडस्ट्रीज का यह सौदा निवेशकों के लिए एक बड़ा भरोसा जगाने वाला संकेत है। रिलायंस इंडस्ट्रीज की क्रेडिट रेटिंग भी इसकी मजबूत वित्तीय स्थिति को दर्शाती है। मूडीज ने इसे Baa2 और फिच ने BBB रेटिंग दी है, जो दर्शाता है कि कंपनी की क्रेडिट योग्यता भारत सरकार की रेटिंग से भी बेहतर है।
इसे सुरक्षित निवेश मानते हैं निवेशक
इसका मतलब है कि रिलायंस इंडस्ट्रीज के लिए लोन चुकाने का जोखिम बहुत कम है, जिसके कारण बैंक और निवेशक इसे सुरक्षित निवेश मानते हैं। यह सौदा न केवल रिलायंस की वित्तीय साख को मजबूत करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि वैश्विक बाजार में भारतीय कंपनियों की स्थिति कितनी मजबूत है।
पैसे का इस्तेमाल कहां होगा?
ब्लूमबर्ग के सूत्रों के मुताबिक, रिलायंस इंडस्ट्रीज ने यह लोन दो हिस्सों में लिया है। पहला हिस्सा 2.4 बिलियन डॉलर का है, जबकि दूसरा 67.7 बिलियन येन (करीब 462 मिलियन डॉलर) का है। यह समझौता 9 मई को हुआ था। ब्लूमबर्ग के आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस इंडस्ट्रीज को ब्याज सहित कुल 2.9 बिलियन डॉलर के रूप में 2025 तक यह लोन चुकाना होगा।