India News (इंडिया न्यूज)Chhattisgarh News: किसानों की मेहनत आखिरकार रंग लाई है। जांजगीर-चांपा जिले में तीन साल बाद रबी फसल के लिए अब हसदेव बांगो बांयी तट की नहरों में भी पानी छोड़ा गया है।
किसान भी रबी फसल के लिए नहर के पानी…
किसानों की मांग पर जल उपयोगिता समिति ने यह बड़ा फैसला लिया। 5 जनवरी से बांयी तट नहर में पानी छोड़ा गया, जबकि दांयी तट नहर में 1 जनवरी से पानी देने का निर्णय पहले ही हो चुका था। अब जांजगीर-चांपा और सक्ती जिले के किसान भी रबी फसल के लिए नहर के पानी का उपयोग कर सकेंगे। रबी फसल के लिए पानी मिलने से किसानों को पलायन से राहत मिलेगी।
किसान दूसरे राज्यों में मजदूरी
पहले चार महीने खेत खाली रहने पर किसान दूसरे राज्यों में मजदूरी करने जाते थे। अब खेती के चलते न केवल पलायन रुकेगा, बल्कि पर्यावरण को भी लाभ होगा, क्योंकि लकड़ी की कटाई पर भी नियंत्रण होगा। रबी फसल की बेहतर संभावनाओं के साथ जांजगीर-चांपा और सक्ती जिलों में आर्थिक गतिविधियां भी तेज होंगी। धान खरीदी से इन जिलों में 1000 करोड़ रुपये से अधिक का लाभ होने की उम्मीद है, जो बाजार को भी मजबूती देगा।
रबी फसल के लिए नहर में पानी छोड़े…
किसान संदीप तिवारी ने बताया कि रबी फसल के लिए नहर में पानी छोड़े जाने से किसान बेहद खुश हैं। खेतों में पानी आने से किसान अपनी जमीन के अनुसार फसलें उगाएंगे—कोई सब्जियां तो कोई धान की खेती करेगा। उन्होंने कहा कि बांयी तट नहर में तीन साल बाद पानी आया है, जिससे सक्ती, डबरा और जैजैपुर क्षेत्र के किसान काफी उत्साहित हैं।संदीप तिवारी ने बताया कि पहले इस क्षेत्र में फली उत्पादन केवल 100 एकड़ में होता था, लेकिन अब यह रकबा 400-500 एकड़ तक पहुंच सकता है।
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