India News (इंडिया न्यूज), CG High Court: गारे कोल ब्लॉक भूमि अधिग्रहण से प्रभावित 49 किसानों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर अधिग्रहण प्रक्रिया को चुनौती दी है। जानकारी के मुताबिक, बिलासपुर हाईकोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार, केंद्र सरकार, कलेक्टर रायगढ़, एसडीओ घरघोड़ा और जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड को नोटिस जारी किया है। बता दें, किसानों का आरोप है कि नया भूमि अधिग्रहण कानून लागू होने के बावजूद राज्य सरकार छत्तीसगढ़ भू राजस्व संहिता की धारा 247 के तहत उनकी जमीन का अधिग्रहण कर रही है, जो अवैध है।
पूर्व में दायर याचिका का तर्क खारिज
ऐसे में, राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता प्रफुल्ल भारत और शशांक ठाकुर ने कोर्ट में दलील दी कि पूर्व में इसी संबंध में एक याचिका दायर की गई थी, जिसमें कलेक्टर को समस्याओं का समाधान करने का निर्देश दिया गया था। इसके बाद कलेक्टर ने सभी समस्याओं का समाधान कर दिया है, इसलिए नई याचिका चलने योग्य नहीं है। लेकिन खंडपीठ ने इस तर्क को स्वीकार नहीं किया और मामले की सुनवाई जारी रखी। ऐसे में, याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट में दलील दी कि संविधान की धारा 254 के तहत यदि संसद किसी क्षेत्र के लिए कानून बना चुकी है, तो राज्य विधानसभा द्वारा बनाए गए कानून लागू नहीं हो सकते। इसलिए यह भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया असंवैधानिक है।
मुआवजे को लेकर आपत्ति
दूसरी तरफ, किसानों का कहना है कि भूमि अधिग्रहण के बदले जो मुआवजा दिया जा रहा है, वह 2010 की अधिसूचना के आधार पर तय किया गया है, जबकि पिछले 15 वर्षों में भूमि के दाम काफी बढ़ चुके हैं। इससे प्रभावित किसानों को उचित मुआवजा नहीं मिल रहा है। याचिका में यह भी बताया गया कि सितंबर-अक्टूबर 2024 से जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड ने कई किसानों की जमीनों पर अवैध कब्जा कर लिया है। किसानों को न ही उचित मुआवजा दिया गया और न ही पुनर्वास की कोई व्यवस्था की गई।
आदिवासी किसानों का संघर्ष जारी
जानकारी के मुताबिक, इस याचिका को चंदन सिंह सिदार, रविशंकर, उत्तम सिंह, महेश पटेल समेत 49 किसानों ने वकील सुदीप श्रीवास्तव और सुदीप वर्मा के माध्यम से दायर किया है। इनमें से अधिकांश किसान आदिवासी समुदाय से आते हैं, जो अपनी जमीन बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस रविंद्र अग्रवाल की खंडपीठ ने बुधवार को इस याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई की। ऐसे में कोर्ट ने सभी पक्षों को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने के लिए कहा है। अब देखना होगा कि सरकार और जिंदल स्टील इस पर क्या रुख अपनाते हैं और किसानों को न्याय मिलता है या नहीं।
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