India News (इंडिया न्यूज), CG Holi 2025: भारत में होली का त्योहार बड़े धूमधाम से मनाया जाता है, खासकर होलिका दहन के साथ जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है। छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले के एक छोटे से गांव सलोनी में होलिका दहन की परंपरा आज भी नहीं निभाई जाती। यहां के लोग रंग और गुलाल से होली मनाते हैं, लेकिन होलिका दहन नहीं करते।

100 साल पुरानी परंपरा

यह परंपरा लगभग 100 साल पुरानी है। गांव के बुजुर्गों के अनुसार, कुछ साल पहले एक भयंकर महामारी ने सलोनी गांव को अपनी चपेट में ले लिया था। इस महामारी में न केवल कई ग्रामीणों की जान गई, बल्कि उनके पशुओं को भी भारी नुकसान हुआ था। तब गांव के कुछ अनुभवी लोगों ने यह निर्णय लिया कि भविष्य में होलिका दहन नहीं किया जाएगा। उनका मानना था कि होलिका जलाने से गांव में आफत आती है। तब से लेकर आज तक, इस गांव में होलिका दहन की परंपरा नहीं चली आ रही है।

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खास अंदाज में होली

सलोनी गांव में होली का त्योहार खास अंदाज में मनाया जाता है। यहां के लोग रंग और गुलाल से होली खेलते हैं और नाच-गाने के साथ खुशी का इजहार करते हैं। गांव के लोग एक साथ इकट्ठा होते हैं और एक-दूसरे को गुलाल लगाकर शुभकामनाएं देते हैं। इसके अलावा, नगाड़ों की धुन पर गांववाले उमंग से नृत्य करते हैं।

लोगो में श्रद्धा और विश्वास

इस अनोखी परंपरा को आज भी सलोनी गांव के लोग बड़े श्रद्धा और विश्वास के साथ निभाते हैं। यह उनके लिए एक खास धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर बन चुका है। वे मानते हैं कि इस तरह होली मनाने से गांव में खुशहाली और समृद्धि बनी रहती है।

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