India News (इंडिया न्यूज), CG News: छत्तीसगढ़ का बस्तर क्षेत्र अपनी समृद्ध आदिवासी संस्कृति और परंपराओं के लिए जाना जाता है। जानकारी के लिए बता दें, इस अनूठी विरासत को संजोने और प्रचारित करने के लिए बस्तर पंडुम महोत्सव 2025 का आयोजन किया जा रहा है। बताया जाता है कि, यह उत्सव 26 मार्च से शुरू होने की संभावना है और बस्तर संभाग के सभी जिलों में आयोजित किया जाएगा।

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बस्तर पंडुम महोत्सव की खासियत

जानकारी के अनुसार, बस्तर के आदिवासी समुदाय अपनी परंपराओं को बड़े धूमधाम से मनाते हैं, जिसे वे ‘पंडुम’ यानी पर्व कहते हैं। उनकी खुशियां सामूहिक होती हैं और प्रकृति के करीब होती हैं। इसी परंपरा को दुनिया के सामने लाने के लिए बस्तर पंडुम महोत्सव में लोक नृत्य, संगीत, पारंपरिक आभूषण, हस्तशिल्प और स्थानीय खानपान को शामिल किया जाएगा। ऐसे में, डिप्टी सीएम *विजय शर्मा* ने हाल ही में इस महोत्सव को लेकर जानकारी दी थी। उन्होंने कहा कि “यह उत्सव बस्तर की संस्कृति को पूरी दुनिया के सामने पेश करेगा और लोग इससे जुड़ सकेंगे।” इसके अलावा उन्होंने यह भी बताया कि इसे हर स्तर पर आयोजित किया जाएगा, ताकि बस्तर की सांस्कृतिक विरासत को सहेजा जा सके और इसे व्यापक पहचान मिले।

नक्सल प्रभावित क्षेत्र में सांस्कृतिक पहल

बस्तर पंडुम महोत्सव का आयोजन नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में किया जाएगा। इससे न केवल आदिवासी संस्कृति को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि यह एक सकारात्मक संदेश भी देगा कि *बस्तर अब विकास और शांति की ओर बढ़ रहा है। सरकार ने 2026 तक बस्तर से नक्सलवाद समाप्त करने का लक्ष्य रखा है, और यह उत्सव उस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। फिलहाल बस्तर पंडुम महोत्सव स्थानीय परंपराओं, आदिवासी जीवनशैली और कला को संरक्षित करने का एक शानदार मंच बनेगा।

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