India News (इंडिया न्यूज), CG News: छत्तीसगढ़ में शराब घोटाले के मामले में आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने पूर्व आबकारी मंत्री तथा मौजूदा विधायक कवासी लखमा पर हर महीने 50 लाख रुपये कमीशन सहित करीब दो करोड़ रुपये लेने का आरोप लगाया है। जानकारी के अनुसार, आरोप के अनुसार, लखमा ने शराब सिंडिकेट को सहयोग प्रदान करते हुए गैरकानूनी तरीके से लाभ उठाया। इसी सिलसिले में EOW ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका को खारिज करने की मांग की थी।

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जानिए डिटेल में

बता दें, 21 जनवरी को रायपुर के स्पेशल कोर्ट में कवासी लखमा को पेश किया गया। रिमांड खत्म होने के बाद कोर्ट ने उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। कोर्ट में ED के वकील ने तर्क दिया कि लखमा पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहे हैं, जिस कारण उन्हें जेल भेजना न्यायसंगत है। ऐसे में, कवासी लखमा ने अग्रिम जमानत के लिए याचिका हाइकोर्ट में दायर की, जिस पर गुरुवार को जस्टिस अरविंद वर्मा की बेंच ने सुनवाई की। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने अपना पक्ष रखा, जिसके बाद कोर्ट ने ACB और EOW को नोटिस जारी कर जवाब मांगा।

बचाव पक्ष ने दिया बड़ा दावा

बता दें, लखमा के बचाव पक्ष ने दावा किया कि उनके खिलाफ झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं और छापेमारी के दौरान उनके घर से कोई पैसा या आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद नहीं हुए। इस बात पर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई के पक्ष में ED के वकील ने जोर देकर कहा कि लखमा का नाम इस घोटाले से जुड़ा हुआ है, जिससे शराब सिंडिकेट को मदद मिलती थी। ऐसे में, अगली सुनवाई 13 मार्च 2025 को तय की गई है। इस मामले में कोर्ट की कार्रवाई और प्रशासन की तरफ से भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 2018 की धारा 7 के तहत कड़ी कार्रवाई जारी है, ताकि ऐसे जुर्मों को कानून के दायरे से बाहर न रहने दिया जा सके।

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