India News (इंडिया न्यूज), CG News: छत्तीसगढ़ में तकनीकी नवाचारों की नई लहर का आगमन हो रहा है। जानकारी के अनुसार, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) का एक विशेषज्ञ दल जल्द ही राज्य का दौरा करेगा। इस दल का मुख्य उद्देश्य सैटेलाइट इमेजरी, जीआईएस तकनीक और डेटा विश्लेषण के माध्यम से विभिन्न क्षेत्रों का विस्तृत अध्ययन करना है। बताया गया है कि, इस प्रक्रिया में मृदा स्वास्थ्य, जल स्रोतों का सटीक आकलन, बाढ़ और सूखे की भविष्यवाणी तथा कृषि उत्पादन बढ़ाने के लिए डेटा-संचालित निर्णय प्रणाली विकसित की जाएगी।

Himachal Tourism: हिमाचल में ताजा बर्फबारी से पर्यटन कारोबारियों के खिले चेहरे, वीकेंड पर बढ़ा सैलानियों का आंकड़ा, जानें कहां है सब से ज्यादा भीड़?

CM साय से ISRO के चेयरमैन वी. नारायणन ने की भेंट

बता दें, नई दिल्ली में आयोजित एक महत्वपूर्ण बैठक में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से ISRO के चेयरमैन वी. नारायणन ने भेंट की। इस अवसर पर दोनों ने अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के उपयोग से कृषि एवं अन्य क्षेत्रों में नवाचारों को बढ़ावा देने पर विस्तृत चर्चा की। बैठक में सैटेलाइट आधारित सर्वेक्षण, भू-मानचित्रण, प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण तथा स्मार्ट एग्रीकल्चर के मुद्दों पर विशेष जोर दिया गया। बता दें, मुख्यमंत्री साय ने बताया कि इसरो और छत्तीसगढ़ सरकार के बीच की साझेदारी से राज्य में तकनीकी प्रगति नई ऊंचाइयों तक पहुंचेगी।

वैज्ञानिकों को नवाचारों में मिलेगा योगदान

इस सहयोग से राज्य के अनुसंधान संस्थानों को भी शामिल किया जाएगा, जिससे युवा वैज्ञानिकों को नवाचारों में योगदान देने का उत्तम अवसर प्राप्त होगा। इस पहल से किसानों को सटीक और पूरी जानकारी मिलेगी, जिससे वे कृषि प्रबंधन में बेहतर निर्णय ले सकेंगे। जल संसाधन प्रबंधन, पर्यावरण संरक्षण और आपदा के क्षेत्र में भी इस कदम का महत्वपूर्ण प्रभाव रहेगा। बता दें, इसरो का सहयोग राज्य को भविष्य की तकनीकों से सशक्त करेगा और कृषि, पर्यावरण तथा जल प्रबंधन में क्रांतिकारी बदलाव लाएगा। छत्तीसगढ़ का यह प्रयास नवाचार और वैज्ञानिक दृष्टिकोण को बढ़ावा देगा, जिससे राज्य के विकास में गति आएगी और ग्रामीण क्षेत्रों में समृद्धि का संचार होगा।

CM रेखा गुप्ता का AAP पर जोरदार हमला, कहा- CAG रिपोर्ट से खुलेंगे भ्रष्टाचार के राज