India News (इंडिया न्यूज), CG News: छत्तीसगढ़ में शराब तस्करी का अवैध कारोबार लगातार बढ़ता जा रहा है। जानकारी के मुताबिक दुर्ग जिले के आधा दर्जन से अधिक पुराने शराब तस्कर इस धंधे में शामिल हैं। ये तस्कर मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और पंजाब के शराब ठेकेदारों से 1800 से 2200 रुपये प्रति पेटी की दर से अंग्रेजी शराब खरीदते हैं और फिर इसे विभिन्न जिलों में कोचियों को 3600 से 5000 रुपये में बेचते हैं।

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अवैध शराब पर पुलिस की कार्रवाई अधूरी

बता दें, निकाय और पंचायत चुनाव के दौरान दुर्ग पुलिस ने कई जगहों से बड़ी मात्रा में शराब जब्त की थी। पाटन क्षेत्र से 500 पेटी, ग्राम डांडेसरा से 361 पेटी और मोहन नगर पुलिस ने धमधा सब्जी मंडी से 81 पेटी शराब पकड़ी थी। हालांकि, पुलिस केवल कोचियों पर कार्रवाई कर रही है, लेकिन असली तस्कर अभी भी गिरफ्त से बाहर हैं। जांच में यह पता चला कि तस्करों से शराब खरीदने वाले कोचिए इसे और अधिक मुनाफे के लिए मिलावट करके बेचते हैं। वे शीशियों में मिलावट कर शराब को छोटे पौवा में बदल देते हैं और फिर एक पौवा को 100 से 120 रुपये में बेचते हैं।

कर्मचारियों के जरिए हो रही तस्करी

जानकारी के अनुसार, छत्तीसगढ़ सरकार ने शराब बिक्री का ठेका खुद ले लिया है, जिससे तस्करों ने नया तरीका अपनाया है। अब वे किराए पर कर्मचारी रखकर शराब तस्करी करवा रहे हैं। राजनांदगांव, खैरागढ़, चिल्फी घाटी, अचानकमार्ग और सरगुजा मार्ग से शराब को लाकर दुर्ग-भिलाई समेत पूरे राज्य में खपाया जा रहा है। छत्तीसगढ़ में एक तरफ शराब घोटाले की जांच चल रही है, वहीं दूसरी तरफ शराब माफिया खुलेआम अपना धंधा चला रहे हैं। फिलहाल जरूरत है कि सरकार और प्रशासन इस पर सख्त कार्रवाई करें ताकि इस अवैध धंधे पर रोक लगाई जा सके।

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