India News (इंडिया न्यूज), CG News: छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित कोयला घोटाले में फंसी निलंबित IAS अधिकारी रानू साहू को सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिल गई है। इस मामले में व्यापारी सूर्यकांत तिवारी और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उप सचिव सौम्या चौरसिया को भी सुप्रीम कोर्ट ने राहत दी है।

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क्या है कोयला घोटाला?

जानकारी के मुताबिक, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच के अनुसार, 2010 बैच की छत्तीसगढ़ कैडर की IAS अधिकारी रानू साहू और कई वरिष्ठ राजनेताओं व नौकरशाहों की मिलीभगत से कोयला ट्रांसपोर्टरों से जबरन वसूली की गई। जुलाई 2020 से जून 2022 के बीच, प्रति टन कोयले पर 25 रुपये की अवैध वसूली की गई, जिससे करीब 540 करोड़ रुपये की काली कमाई हुई। इस राशि का उपयोग *सरकारी अधिकारियों और नेताओं को रिश्वत देने, चुनावी खर्च और संपत्तियों की खरीद में किया गया।

IAS अधिकारी और अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी

– IAS रानू साहू को 2023 में गिरफ्तार किया गया था।
– IAS सौम्या चौरसिया को 2022 में हिरासत में लिया गया था।
– इससे पहले IAS समीर विश्नोई को भी 2022 में गिरफ्तार किया गया था।
– मुख्य आरोपी व्यापारी सूर्यकांत तिवारी को भी इसी मामले में जेल भेजा गया था।

सुप्रीम कोर्ट का फैसला

ऐसे में, जस्टिस सूर्यकांत और एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने कहा कि इस मामले की जांच में लंबा समय लग सकता है। इसलिए, समय लेने वाली प्रक्रिया को ध्यान में रखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने *याचिकाकर्ताओं को अंतरिम जमानत पर रिहा करना उचित समझा। हालांकि, यह सिर्फ अंतरिम जमानत है, और जांच अभी जारी है। ईडी द्वारा इस मामले में अधिक सबूत जुटाने और दोषियों पर सख्त कार्रवाई करने की संभावना है। यह मामला छत्तीसगढ़ की राजनीति और प्रशासन में भ्रष्टाचार की गहराई को उजागर करता है। आने वाले समय में न्यायालय का अंतिम फैसला और जांच एजेंसियों की कार्रवाई इस घोटाले की दिशा तय करेगी

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