India News (इंडिया न्यूज), CG News: छत्तीसगढ़ के गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक शिक्षक ने पढ़ाई-लिखाई छोड़कर मार्केटिंग को करियर बना लिया। मरवाही ब्लॉक के घुरदेवापारा प्राथमिक शाला में पदस्थ सहायक शिक्षक सुनील कुमार पटेल ने 27 दिसंबर को बीईओ कार्यालय में मिठाई के साथ एक सादे कागज पर लिखा इस्तीफा सौंपा। उनका कहना था, *”नौकर माइंडसेट से काम नहीं करना चाहता, अब जिंदगी अपने माइंडसेट से एंजॉय करूंगा।”*

स्कूल से गायब, मार्केटिंग में व्यस्त

सुनील कुमार पटेल की पोस्टिंग 2010 में घुरदेवापारा स्कूल में हुई थी लेकिन स्कूल से अधिक समय वे हर्बल प्रोडक्ट्स की मार्केटिंग में लगाते रहे। स्कूल में उनकी गैरमौजूदगी पर कई बार जांच और कार्रवाई हुई, लेकिन स्थिति में सुधार नहीं हुआ। चौंकाने वाली बात यह है कि उन्होंने स्कूल का काम करवाने के लिए एक स्थानीय बढ़ई को 2-3 हजार रुपये देकर अपनी जगह काम पर लगाया।

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सोशल मीडिया पर इस्तीफा वायरल

शिक्षक ने 27 दिसंबर को बीईओ कार्यालय में मिठाई के साथ अपना त्यागपत्र सौंपा और इसे सोशल मीडिया पर भी पोस्ट कर दिया। उनका त्यागपत्र चर्चा का विषय बन गया है, जिसमें उन्होंने लिखा, *”मैं नौकरी के माइंडसेट से बंधकर नहीं जी सकता अब मैं अपने सपनों और माइंडसेट के साथ आगे बढ़ूंगा।”* पिछले दो वर्षों में सुनील पटेल को उनकी गैरजिम्मेदाराना हरकतों के चलते “नो वर्क, नो पेमेंट” के तहत रखा गया था। बावजूद इसके, उन्होंने मार्केटिंग के जरिए लाखों रुपये कमा लिए।

जांच में जुटा शिक्षा विभाग

जिला शिक्षा अधिकारी जगदीश शास्त्री ने कहा कि सोशल मीडिया से मामले की जानकारी मिली है। विभागीय रिकॉर्ड में सुनील पटेल ने विधिवत इस्तीफा दर्ज नहीं कराया है। साथ ही, जिले में जो भी कर्मचारी सेवा में रहते हुए अन्य व्यवसाय कर रहे हैं, उनकी जांच की जा रही है और नियमों के अनुसार कार्रवाई होगी। इस घटना ने शिक्षक की जिम्मेदारी और शिक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या यह सिर्फ एक शिक्षक का फैसला है या शिक्षा के प्रति घटती जिम्मेदारी का संकेत?

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