India News (इंडिया न्यूज), Chhattisgarh High Court: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने 2014 में हुए घातक नक्सली हमले के चार दोषियों की उम्रकैद की सजा को बरकरार रखा है। जानकारी के अनुसार, इस हमले में 15 सुरक्षाकर्मी और 4 नागरिक मारे गए थे। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि यह हमला एक संगठित और योजनाबद्ध साजिश थी, जिसका उद्देश्य राज्य को अस्थिर करना और लोकतांत्रिक संस्थानों को कमजोर करना था।

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हाईकोर्ट का फैसला

बता दें, मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति रवींद्र कुमार अग्रवाल की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई की। अदालत ने हमले की पूर्व-नियोजित प्रकृति, उन्नत रणनीति और भारी हथियारों के उपयोग पर जोर देते हुए इसे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बताया। ऐसे में, यह हमला 11 मार्च 2014 को बस्तर जिले के तोड़पाल थाने से लगभग 4 किमी दूर तहकवारा गांव के पास हुआ था। रायपुर से यह स्थान 390 किमी दूर है। हमले की योजना दरभा डिवीजन के 150-200 नक्सलियों ने बनाई थी, जिसका नेतृत्व सुरेंद्र, देवा और विनोद कर रहे थे। बता दें, नक्सलियों ने सीआरपीएफ और राज्य पुलिस की रोड ओपनिंग पार्टी (आरओपी) पर घात लगाकर हमला किया था।

आरोपियों की अपील हुई खारिज

जानकारी के मुताबिक, इस हमले के आरोप में चार दोषियों- कवासी जोगा उर्फ पड़ा, दयाराम बघेल उर्फ रमेश अन्ना, मनीराम कोर्राम उर्फ बोटी और महादेव नाग को एनआईए अदालत ने 12 फरवरी 2024 को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। इसके अलावा, उन्होंने हाईकोर्ट में अपील दायर की थी, लेकिन अदालत ने सजा को सही ठहराते हुए अपील खारिज कर दी।

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