India News (इंडिया न्यूज),Chhattisgarh Liquor Scam: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने शराब घोटाले के मुख्य आरोपी अनवर ढेबर की जमानत याचिका खारिज कर दी है। जस्टिस अरविंद कुमार वर्मा ने मामले की गंभीरता और भ्रष्टाचार के व्यापक प्रभाव को देखते हुए यह निर्णय लिया।
भ्रष्टाचार केवल एक दंडनीय अपराध है- कोर्ट
कोर्ट ने कहा कि भ्रष्टाचार एक दंडनीय अपराध है, बल्कि यह मानवाधिकारों को कमजोर करता है और देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाता है। अनवर ढेबर पर आरोप है कि उन्होंने अन्य सह अभियुक्तों के साथ मिलकर शराब सिंडिकेट के जरिए बड़े पैमाने पर अवैध कमीशन वसूला। यह आरोप लगाया गया कि डिस्टिलर्स, होलोग्राम निर्माताओं, बोतल निर्माताओं, और अन्य अधिकारियों से मिलकर अवैध तरीकों से कमीशन लिया गया। राज्य संचालित शराब दुकानों से बेहिसाब देशी शराब की बिक्री के माध्यम से भी अवैध धन अर्जित किया गया।
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11 जुलाई 2023 को दर्ज हुआ मामला
ईओडब्ल्यू और एसीबी ने 11 जुलाई 2023 को अनवर ढेबर समेत अनिल टुटेजा, अरुणपति त्रिपाठी, विकास अग्रवाल, और अन्य आबकारी अधिकारियों पर धारा 420, 468, 471 और 120बी के तहत मामला दर्ज किया था। अप्रैल 2024 में ढेबर को गिरफ्तार किया गया, और नवंबर 2024 में ईडी ने इस मामले में अलग से अपराध दर्ज किया।
अनवर ढेबर के परिसरों पर मारकर जुटाए साक्ष्य
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि भ्रष्टाचार न केवल आर्थिक अपराध है, बल्कि यह पूरे समाज और देश की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करता है। इस तरह के संगठित अपराधों में जमानत देने से गलत संदेश जाएगा। आयकर विभाग ने भी अनवर ढेबर के परिसरों पर छापे मारकर साक्ष्य जुटाए हैं। हाईकोर्ट के इस फैसले ने साफ कर दिया है कि संगठित भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।