India News (इंडिया न्यूज), Crime News: छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले के खड़गावा चौकी अंतर्गत केरता पंचायत के डूबका पारा में जमीन विवाद ने खूनी रूप ले लिया। इस विवाद में एक ही परिवार के तीन लोगों को बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया गया। इस घटना से पूरे क्षेत्र में भय और आक्रोश का माहौल बना हुआ है। डूबकापारा निवासी माघे टोप्पो के परिवार ने हाल ही में साढ़े सात एकड़ जमीन पर अपना अधिकार पाने के लिए कोर्ट में लंबा संघर्ष किया था।
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परिवार पर ताबड़तोड़ हमला
दो महीने पहले जिला सत्र न्यायालय और एसडीएम कोर्ट ने उनके पक्ष में फैसला सुनाया था। शुक्रवार को माघे टोप्पो 60 वर्ष अपनी पत्नी बसंती टोप्पो 53 वर्ष तथा पुत्र नरेश टोप्पो 31 वर्ष के साथ खेत की जुताई करने पहुंचे थे, लेकिन यह उनकी जिंदगी का आखिरी दिन साबित हुआ। खेती करने के दौरान ही लाठी डंडे तथाा धारदार हथियर लेकर पहुंचे करीब 30 से 40 लोग वहां पहुंचे और माघे सहित उनकी पत्नी व बेटे पर ताबड़तोड़ हमला शुरू कर दिया।
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रंजिश ने ली पूरे परिवार की जान
इस घटना में मां व बेटे की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं हॉस्पिटल ले जाते समय माघे टोप्पो की भी मौत हो गई। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू कर दी। तो वहीं, डूबका पारा और आसपास के गांवों में भय और आक्रोश का माहौल है। मृतकों के परिजनों का कहना है कि काफी संघर्ष और इंतजार के बाद उन्हें अपनी जमीन पर न्याय मिला था, लेकिन गांव के कुछ लोग इसे स्वीकार नहीं कर पाए। इसी रंजिश ने पूरे परिवार को खत्म कर दिया।
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कानूनी जीत के बाद भी परिवार को गंवानी पड़ी जान
घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और मामले की जांच शुरू कर दी। पुलिस ने कुछ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। वहीं और आरोपियों की तलाश के लिए टीम गठित कर दी गई है। एडिशनल एसपी ने कहा कि जल्द घटना में शामिल सभी दोषियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। यह घटना सिर्फ एक परिवार की हत्या तक सीमित नहीं है, बल्कि यह प्रशासनिक तंत्र और कानून व्यवस्था पर भी सवाल खड़े करती है। आखिर क्यों एक कानूनी जीत के बावजूद मृतक परिवार को अपनी जान गंवानी पड़ी?