India News (इंडिया न्यूज़), CG News: छत्तीसगढ़ में निजी कोयला कंपनियों की मनमानी के खिलाफ गंभीर आरोप सामने आए हैं। कोल इंडिया की सहायक कंपनी एसईसीएल के बजाय निजी कंपनियों को खदानें सौंपने के दुष्प्रभाव अब दिखने लगे हैं। ताजा मामला पाली जनपद के ग्राम पंचायत रौगढ़ से जुड़ा है, जहां JSW कंपनी के अधिकारियों पर पंचायत दस्तावेजों से छेड़छाड़ करने का आरोप लगा है।
पंचायत रजिस्टर से छेड़छाड़ का आरोप
ग्राम पंचायत के सचिव दिनेश कुमार महरा ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है कि जेएसडब्ल्यू कंपनी के यूनिट हेड चंद्रदेव तिवारी, संतोष राजपूत और अनुज मिश्रा कुछ दिन पहले उनके पास आए और धमकाकर पंचायत रजिस्टर ले गए। 26 जनवरी को रजिस्टर लौटाया गया, लेकिन 30 जनवरी को पता चला कि उसमें बिना ग्रामसभा की अनुमति के अनापत्ति और सहमति प्रस्ताव दर्ज कर दिए गए। पेसा एक्ट के तहत रखे गए रजिस्टर में भी छेड़छाड़ की गई और कुछ पन्ने गायब कर दिए गए। यह मामला कानूनी रूप से गंभीर है, क्योंकि बिना ग्रामसभा की सहमति के खदान संचालन नियमों का उल्लंघन किया गया है।
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बिचौलियों की संदिग्ध भूमिका
दूसरी ओर, कंपनी अधिकारियों ने इन आरोपों को खारिज किया है और दावा किया कि कोल ब्लॉक स्वीकृत होने के बाद कुछ बिचौलिए सक्रिय हो गए हैं, जो ग्रामीणों को उकसाकर अवैध मुआवजा दिलाने की कोशिश कर रहे हैं। कंपनी का कहना है कि यह पूरा विवाद स्थानीय राजनीति और व्यक्तिगत हितों से प्रेरित हो सकता है।
सवालों के घेरे में पंचायत सचिव
इस मामले ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं
पंचायत सचिव ने इतने महत्वपूर्ण दस्तावेज बाहरी लोगों को कैसे सौंप दिए?
गर उन्हें धमकाया गया तो उन्होंने पहले शिकायत क्यों नहीं की?
क्या यह मिलीभगत का मामला है, जो अब उजागर हो रहा है?
जांच जारी, होगी कानूनी कार्रवाई
पाली थाना प्रभारी मदन लाल मरावी ने बताया कि ग्राम पंचायत सचिव की शिकायत पर जांच जारी है। सभी पक्षों से पूछताछ कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। यह मामला प्रशासनिक लापरवाही और निजी कंपनियों की बढ़ती मनमानी की ओर इशारा करता है, जिससे ग्रामीणों के अधिकारों पर संकट गहरा रहा है।