India News (इंडिया न्यूज), DGP Arun Deo Gautam: छत्तीसगढ़ सरकार ने 1992 बैच के IPS अधिकारी अरुण देव गौतम को राज्य का कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक (DGP) नियुक्त किया है। उन्होंने 1989 बैच के IPS अधिकारी अशोक जुनेजा की जगह ली, जो हाल ही में सेवानिवृत्त हुए हैं। अरुण देव गौतम छत्तीसगढ़ पुलिस में अपनी सख्त प्रशासनिक कार्यशैली और अपराध नियंत्रण में मजबूत पकड़ के लिए जाने जाते हैं।
कौन हैं अरुण देव गौतम?
अरुण देव गौतम का जन्म 2 जुलाई 1967 को उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले के अभयपुर गांव में हुआ। किसान परिवार में पले-बढ़े गौतम ने आठवीं तक की पढ़ाई अपने गांव के सरकारी स्कूल से की। इसके बाद वे आगे की पढ़ाई के लिए प्रयागराज चले गए। वहां उन्होंने राजकीय इंटर कॉलेज, इलाहाबाद से दसवीं और बारहवीं की शिक्षा प्राप्त की। इसके बाद इलाहाबाद विश्वविद्यालय से BA और राजनीति विज्ञान में MA किया। इसके बाद जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU), नई दिल्ली से अंतरराष्ट्रीय कानून में MPhil और PHD की डिग्री हासिल की। UPSC की तैयारी के दौरान उन्हें पहली बार असफलता मिली, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। दूसरे प्रयास में उन्होंने सफलता प्राप्त की और 1992 में IPS अधिकारी बने।
प्रशासनिक सफर
अरुण देव गौतम ने 12 अक्टूबर 1992 को IPS सेवा ज्वॉइन की। उन्हें मध्य प्रदेश कैडर मिला, जहां जबलपुर में उनकी पहली पोस्टिंग प्रशिक्षु IPS के रूप में हुई। इसके बाद वे बिलासपुर के CSP और भोपाल में एडिशनल SP रहे। मध्य प्रदेश में 23वीं बटालियन के कमांडेंट के रूप में भी सेवाएं दीं। SP के रूप में उनकी पहली पोस्टिंग राजगढ़ जिले में हुई। वर्ष 2000 में छत्तीसगढ़ के गठन के बाद उन्होंने छत्तीसगढ़ कैडर चुना। यहां उन्होंने कोरिया, रायगढ़, जशपुर, राजनांदगांव, सरगुजा और बिलासपुर जिलों में SP के रूप में सेवाएं दीं। DIG बनने के बाद वे पुलिस मुख्यालय, CIED , वित्त और योजना, प्रशासन और मुख्यमंत्री सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण विभागों में पदस्थ रहे।
नक्सल इलाकों में प्रभावी नेतृत्व
2009 में राजनांदगांव में नक्सली हमले में 29 पुलिसकर्मियों और पुलिस अधीक्षक के शहीद होने के बाद अरुण देव गौतम को राजनांदगांव का SP बनाया गया। उन्होंने नक्सल प्रभावित क्षेत्र में बेहतरीन कार्य किया और नक्सलियों से सख्ती से निपटे। चुनौतीपूर्ण जिम्मेदारियों को वे हमेशा कुशलता से निभाते रहे। IG बनने के बाद उन्होंने छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल की जिम्मेदारी संभाली। इसके बाद बिलासपुर रेंज के IG और बस्तर के IG के रूप में तैनात रहे। झीरम नक्सली हमले के बाद उन्होंने बस्तर में शांति और सुरक्षा बहाल करने में अहम भूमिका निभाई।
नई जिम्मेदारी और प्राथमिकता
DGP के रूप में अरुण देव गौतम की प्राथमिकता राज्य में कानून-व्यवस्था को मजबूत बनाना, अपराध पर नियंत्रण पाना और पुलिसिंग में सुधार लाना होगी। उनके अनुभव और नेतृत्व से छत्तीसगढ़ पुलिस को एक नई दिशा मिलने की उम्मीद है।