India News (इंडिया न्यूज), Income Tax Department: छत्तीसगढ़ में बीते सप्ताह आयकर विभाग की टीम ने कई बड़े व्यापारिक समूहों और एजेंटों के ठिकानों पर छापेमारी की। यह कार्रवाई रायपुर, दुर्ग, धमतरी और आंध्र प्रदेश के काकीनाड़ा में 25 जगहों पर की गई थी। अब यह छापेमारी समाप्त हो गई है, लेकिन इस दौरान चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं।

हजार करोड़ की गड़बड़ियों का पर्दाफाश

आयकर विभाग की इस कार्रवाई में कई दस्तावेज बरामद किए गए हैं, जिनसे हजार करोड़ रुपये से अधिक की कर चोरी और अवैध लेनदेन का पता चला है। इन दस्तावेजों में बड़ी मात्रा में कच्चे लेनदेन के पेपर्स भी शामिल हैं, जिससे यह संकेत मिलता है कि व्यापारी टैक्स बचाने के लिए बड़े पैमाने पर हेरफेर कर रहे थे।

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किन व्यापारियों पर हुई कार्रवाई?

 

इस छापेमारी का मुख्य निशाना सत्यम बालाजी समूह, साईं हनुमंत इंडस्ट्रीज और कई राइस मिलर्स, कमीशन एजेंट्स और राइस ब्रोकर रहे। इन सभी के ठिकानों पर जांच के दौरान महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए गए हैं। आयकर विभाग को इस छापेमारी में 10 करोड़ रुपये नकद और ढाई करोड़ रुपये की ज्वेलरी भी मिली, जिसे तत्काल जब्त कर लिया गया। इसके अलावा, विभिन्न ठिकानों से कई बैंक खातों और संपत्तियों के संदिग्ध रिकॉर्ड भी बरामद हुए हैं।

क्या कार्रवाई हुई?

आयकर अन्वेषण विभाग की टीमें अब इन दस्तावेजों की जांच में जुटी हैं। विभाग के अधिकारियों ने जब्त किए गए सभी कागजात और अन्य सामग्री को मुख्यालय में जमा कर दिया है। अब इनकी गहन पड़ताल की जाएगी, ताकि यह समझा जा सके कि टैक्स चोरी और हेरफेर का पूरा नेटवर्क किस तरह काम कर रहा था।

आगे क्या होगा?

अब यह देखना होगा कि इन दस्तावेजों के आधार पर आयकर विभाग आगे क्या कार्रवाई करता है। यदि आरोप साबित होते हैं, तो संबंधित व्यापारियों और एजेंटों पर सख्त कानूनी कार्रवाई हो सकती है। यह छापेमारी छत्तीसगढ़ में कर चोरी के मामलों पर कड़ी नजर रखने का संकेत देती है।

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