India News (इंडिया न्यूज), Naxalite Surrender: छत्तीसगढ़ के बीजापुर में नक्सल विरोधी अभियान को बड़ी सफलता मिली है। बुधवार को दो और नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया। इससे पहले मंगलवार को 23 लाख के इनामी चार सहित कुल नौ नक्सलियों ने सरेंडर कर नक्सली संगठन को बड़ा झटका दिया था। जानकारी के मुताबिक, इस साल अब तक 42 नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके हैं, जो राज्य की पुनर्वास नीति की प्रभावशीलता को दर्शाता है।

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2015 से थे नक्सली संगठन में सक्रिय

बताया गया है कि, सरेंडर करने वाले नक्सलियों में केशकुतुल आरपीसी मिलिशिया प्लाटून सदस्य सुखराम सोढ़ी उर्फ सुकडु (27) और मिलिशिया प्लाटून सदस्य नारू इरपा उर्फ नारायण (36) शामिल हैं। पुलिस के अनुसार, सुखराम 2015 से और नारू 2021 से नक्सली संगठन में सक्रिय थे। सुखराम ने 2017, 2019, 2020 और 2021 में कई नक्सली वारदातों को अंजाम दिया था। ऐसे में, छत्तीसगढ़ सरकार की आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति के तहत दोनों नक्सलियों को 25-25 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि नगद दी गई। पुनर्वास प्रक्रिया के तहत इन्हें समाज की मुख्यधारा में शामिल करने के प्रयास किए जा रहे हैं।

सरकार की नीति से लगातार बढ़ रहा आत्मसमर्पण

राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन नक्सल प्रभावित इलाकों में लगातार आत्मसमर्पण को प्रोत्साहित कर रहे हैं। पिछले दो दिनों में 11 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है, जिससे यह साफ है कि नक्सलियों का संगठन कमजोर पड़ रहा है। सरकार की नीति का असर यह हुआ कि सिर्फ इस साल 42 नक्सलियों ने हथियार डाल दिए हैं। इस मामले में पुलिस और प्रशासन ने अन्य नक्सलियों से भी अपील की है कि वे हिंसा का रास्ता छोड़कर आत्मसमर्पण करें और सरकार की पुनर्वास नीति का लाभ उठाएं। सरेंडर करने वाले नक्सलियों को सुरक्षा, पुनर्वास और रोजगार के अवसर प्रदान किए जाएंगे ताकि वे सामाजिक जीवन में नए सिरे से शुरुआत कर सकें।

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