India News (इंडिया न्यूज), Narmada Snaan: बसंत पंचमी के मौके पर छत्तीसगढ़ के तीर्थ नगरी ओंकारेश्वर में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा। इस खास दिन पर हजारों श्रद्धालुओं ने नर्मदा नदी में पवित्र स्नान किया और भगवान ओंकारेश्वर के ज्योतिर्लिंग का दर्शन कर आशीर्वाद लिया। इस दिन का महत्व खास तौर पर दान-पुण्य और पूजा अर्चना के रूप में मनाया जाता है।
नर्मदा घाट पर विशेष आयोजन
बसंत पंचमी के अवसर पर नर्मदा नदी के सभी घाटों पर विशेष आयोजन किए गए। नर्मदा घाटों पर श्रद्धालुओं ने पवित्र स्नान के बाद भगवान ओंकारेश्वर और ममलेश्वर का पूजन किया। इसके साथ ही नर्मदा के किनारे विवाह आयोजन भी देखे गए, जो इस दिन की धार्मिक और सांस्कृतिक अहमियत को दर्शाते हैं। इन विशेष अवसरों पर ओंकारेश्वर के धार्मिक महत्त्व में वृद्धि होती है, और यह क्षेत्र आस्था और भक्ति का केंद्र बनकर लोगों की श्रद्धा का सम्मान करता है।
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मां सरस्वती की पूजा और नर्मदा जयंती
बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा भी विशेष रूप से की जाती है, जो ज्ञान और विद्या की देवी मानी जाती हैं। इस दिन को लेकर ओंकारेश्वर में दान-पुण्य का महत्व भी बढ़ जाता है। मंगलवार को नर्मदा जयंती के आयोजन से श्रद्धालुओं की संख्या और भी बढ़ गई। नर्मदा जयंती के मौके पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु ओंकारेश्वर सहित नर्मदा के अन्य क्षेत्रों में आकर पूजा-अर्चना में शामिल हुए।
श्रद्धालुओं की आस्था
बसंत पंचमी और नर्मदा जयंती के दौरान ओंकारेश्वर में श्रद्धालुओं का उमड़ा सैलाब यह दर्शाता है कि यहां के धार्मिक स्थल न केवल आस्था का केंद्र हैं, बल्कि लोगों के दिलों में गहरी श्रद्धा और समर्पण का प्रतीक भी बने हुए हैं। इस पर्व पर श्रद्धालुओं ने न केवल धार्मिक कार्य किए, बल्कि अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए भगवान से आशीर्वाद भी लिया।
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