India News (इंडिया न्यूज), Rajim Kumbh Mela: छत्तीसगढ़ के रायपुर में राजिम कुंभ कल्प मेला की शुरुआत हो चुकी है। यह मेला माघ पूर्णिमा से महाशिवरात्रि तक यानी 12 फरवरी से 26 फरवरी तक आयोजित होगा। मेले के पहले दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने महानदी, पैरी और सोंढूर नदियों के त्रिवेणी संगम में स्नान कर पुण्य अर्जित किया और मंदिरों में पूजा-अर्चना की।
जाने क्या है मेले का महत्व
इस मेले का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व बहुत अधिक है। श्रद्धालु बालू से शिवलिंग बनाकर उसकी पूजा करते हैं और संगम तट पर दीपदान कर अपनी आस्था प्रकट करते हैं। मेले का औपचारिक उद्घाटन आज शाम को होगा। राजिम कुंभ कल्प मेला छत्तीसगढ़ के प्रमुख धार्मिक आयोजनों में से एक है, जिसमें हर साल लाखों श्रद्धालु शामिल होते हैं।
त्रिवेणी संगम पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़
राजिम में स्थित राजीव लोचन मंदिर और कुलेश्वरनाथ मंदिर में दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। इस दौरान लोग पवित्र त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाकर भगवान शिव की आराधना कर रहे हैं। यह मेला छत्तीसगढ़ के आदिवासी समाज के लिए भी विशेष महत्व रखता है। यह मेला रायपुर से 45 किलोमीटर दूर स्थित राजिम शहर में त्रिवेणी संगम के तट पर आयोजित होता है। मेले में प्रयागराज कुंभ जैसा नजारा देखने को मिलता है। यहां अखाड़ों के शाही जुलूस और नागा साधुओं का दरबार भी लगता है, जो मेले का मुख्य आकर्षण होता है।
महाशिवरात्रि पर शाही स्नान का आयोजन
राजिम कुंभ मेले का समापन 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के दिन होगा। इस दिन साधु-संतों की भव्य शोभायात्रा निकाली जाएगी। शोभायात्रा के बाद सभी साधु-संत मंत्रोच्चार और शंखनाद के साथ त्रिवेणी संगम में शाही स्नान करेंगे। शाही स्नान के बाद आम जनता को भी स्नान की अनुमति दी जाएगी। राजिम कुंभ मेला छत्तीसगढ़ की संस्कृति और धार्मिक आस्था का प्रतीक है। हर साल यह मेला श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक अनुभव देने के साथ-साथ प्रदेश की समृद्ध परंपराओं से परिचित कराता है।
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