India News (इंडिया न्यूज), Rani Dehra Waterfall: छत्तीसगढ़ के कवर्धा का रानी देहरा जलप्रपात, जो मैकल पर्वत श्रृंखला के बीच स्थित है, अपनी अद्भुत खूबसूरती के लिए प्रसिद्ध है। 90 फीट ऊंचाई से गिरते पानी के झरने का दृश्य पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर देता है। नए साल में हजारों लोग इस प्राकृतिक स्थल का आनंद लेने के लिए यहां पहुंचते हैं। लेकिन इस खूबसूरत जलप्रपात के साथ एक बड़ा खतरा भी जुड़ा हुआ है।

सुरक्षा के कोई ठोस इंतजाम नहीं

रानी देहरा जलप्रपात के आस-पास सुरक्षा के कोई ठोस इंतजाम नहीं हैं। यहां पर्यटकों के लिए न तो बैरिकेडिंग की व्यवस्था है और न ही सुरक्षा गाइड की। पिछले साल, 2024 में इस जलप्रपात में डूबने से चार लोगों की जान चली गई। इनमें से कुछ नामी लोग, जैसे डिप्टी सीएम अरुण साव के भांजे तुषार और नागपुर के साहिल भी थे। ये हादसे प्रशासन की लापरवाही को उजागर करते हैं, लेकिन हालात अब तक नहीं बदले हैं।

Rani Dehra Waterfall

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पर्यटक सुरक्षा घेरे के बिना चट्टानों पर है चढ़ते

जलप्रपात के जंगलों के बीच होने के कारण यहां मोबाइल नेटवर्क भी बेहद कमजोर है, जिससे आपातकालीन मदद पहुंचाने में मुश्किल होती है। चट्टानों पर काई जमने के कारण, पैर फिसलने का खतरा भी बहुत बढ़ जाता है। इसके बावजूद पर्यटक सुरक्षा घेरे के बिना चट्टानों पर चढ़ते हैं और पानी में नहाने का जोखिम उठाते हैं, जो कभी भी जानलेवा साबित हो सकता है।

बन रहा है खतरनाक स्थल

जलप्रपात अपनी सुंदरता के लिए तो प्रसिद्ध है, लेकिन प्रशासन की अनदेखी इसे एक खतरनाक स्थल बना रही है। यह जरूरी है कि सरकार और प्रशासन इस स्थल की सुरक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाएं। बैरिकेडिंग, गाइड और आपातकालीन सेवाओं की व्यवस्था करनी चाहिए, ताकि पर्यटक सुरक्षित रूप से इस अद्भुत स्थल का आनंद ले सकें।

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