India News (इंडिया न्यूज), Supreme Court: छत्तीसगढ़ के नागरिक आपूर्ति निगम (NAN) घोटाले में पूर्व एडवोकेट जनरल सतीश चंद्र वर्मा को सुप्रीम कोर्ट से अग्रिम जमानत मिल गई है। जानकारी के मुताबिक, जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ ने उन्हें राहत देते हुए जांच में सहयोग करने का निर्देश भी दिया। हालांकि, छत्तीसगढ़ सरकार ने उनकी जमानत का कड़ा विरोध किया और अदालत को बताया कि उनके खिलाफ पुख्ता सबूत हैं।
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हाईकोर्ट में की थी जमानत की मांग
बता दें, NAN घोटाला राज्य में खराब गुणवत्ता के चावल, अनाज और नमक की आपूर्ति से जुड़ा हुआ है, जिसमें कई नौकरशाहों और प्रभावशाली लोगों के शामिल होने के आरोप हैं। मामले की जांच के दौरान जब सतीश चंद्र वर्मा का नाम सामने आया, तो उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। ऐसे में, उन्होंने हाईकोर्ट में जमानत की मांग की थी, लेकिन अदालत ने यह कहते हुए उनकी याचिका खारिज कर दी कि उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ करना आवश्यक है। इस मामले में सतीश चंद्र वर्मा की ओर से वरिष्ठ वकील विवेक तन्खा और सुमीर सोढ़ी ने सुप्रीम कोर्ट में पैरवी की, जबकि छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से वरिष्ठ वकील महेश जेठमलानी ने विरोध दर्ज कराया।
जानिए डिटेल में
इस बीच, सुप्रीम कोर्ट ने कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाले के मामले में सीबीआई को दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर करने का निर्देश दिया है। इस घोटाले में मनोज जायसवाल, संजीव झा और संजीव मुंजाल सहित मैसर्स कॉरपोरेट इस्पात एलॉयज कंपनी को विशेष अदालत ने आरोपमुक्त कर दिया था, जिसे सीबीआई ने चुनौती दी। बताया गया है कि, मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने इस मामले की सुनवाई की और सीबीआई को उचित कार्रवाई के निर्देश दिए।
19 मार्च तक टली सुनवाई
इसके अलावा, किसानों के विरोध प्रदर्शन से जुड़े एक अन्य मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 19 मार्च तक सुनवाई टाल दी है। कोर्ट ने कहा कि किसानों और केंद्र सरकार के बीच अब तक दो दौर की वार्ता हो चुकी है और तीसरे दौर की वार्ता 19 मार्च को होगी। ऐसे में, सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में अगली सुनवाई वार्ता के नतीजे के बाद करने का फैसला लिया है। किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) और अन्य मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं।