India News Delhi (इंडिया न्यूज़), MCD Election 2025: दिल्ली में हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी (AAP) को करारा झटका लगा। AAP महज 22 सीटों तक सीमित रह गई, जबकि भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने 48 सीटों पर जीत हासिल की। इसका सीधा असर दिल्ली नगर निगम (MCD) के राजनीति पर भी पड़ा है, जहां अब आम आदमी पार्टी की स्थिति और भी कमजोर हो गई है। दिल्ली में बीजेपी ने विपक्षी दल के रूप में अपनी ताकत बढ़ाई है और अब MCD में भी उसकी ताकत बढ़ती नजर आ रही है।
MCD में सत्ता पक्ष का सियासी समीकरण
दिल्ली नगर निगम (MCD) के 250 सदस्यीय सदन में AAP के 117 पार्षद हैं, जबकि बीजेपी के पास 112 पार्षद हैं। इस आंकड़े से यह साफ है कि आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच मात्र 5 पार्षदों का अंतर रह गया है। कांग्रेस के पास 7 पार्षद हैं, जिनके समर्थन से बीजेपी और कांग्रेस की संयुक्त ताकत 119 सदस्य हो जाती है, जो कि बहुमत के करीब है। इस स्थिति में AAP के लिए यह साबित करना चुनौतीपूर्ण होगा कि वह अपने बजट प्रस्तावों को पारित करवा पाए। विपक्ष के पास इस समय सत्ता पक्ष के प्रस्तावों को रोकने की चाबी है।
मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव में बीजेपी की बढ़त
दिल्ली नगर निगम में आगामी मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव में बीजेपी का दबदबा देखने को मिल सकता है। क्योंकि 2025 में होने वाले मेयर चुनाव में दिल्ली विधानसभा के सांसद और विधायक भी वोटर होते हैं। बीजेपी के पास 112 पार्षद, 14 मनोनीत विधायक और 7 सांसद हैं, जबकि AAP के पास 119 पार्षद और 2 सांसद हैं, यानी कुल 121 सदस्य। इस आंकड़े के आधार पर बीजेपी के पास पर्याप्त संख्या बल है और वह मेयर पद पर अपना दावा पेश कर सकती है।
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स्टैंडिंग कमिटी और बजट पर बीजेपी का नियंत्रण
एमसीडी के स्टैंडिंग कमिटी चुनाव में भी बीजेपी को बहुमत मिला है। इस कमिटी में बीजेपी के 10 और AAP के 8 सदस्य हैं। चूंकि यह चुनाव कोर्ट में लंबित हैं, अगर कोर्ट बीजेपी के पक्ष में निर्णय देता है, तो बीजेपी को इससे भी फायदा हो सकता है। इसके अलावा, MCD का स्पेशल बजट भी एक बड़ा मुद्दा बन सकता है, क्योंकि बजट को पारित करने के लिए सत्ता पक्ष को विपक्ष का समर्थन जरूरी होगा।
17,000 करोड़ रुपए का अनुमानित खर्च
दिल्ली नगर निगम के लिए अनुमानित बजट करीब 17,000 करोड़ रुपए होने की उम्मीद है। नियमों के मुताबिक, एमसीडी कमिश्नर को हर साल दिसंबर में बजट पेश करना होता है, लेकिन इस बार स्टैंडिंग कमिटी का गठन न होने की वजह से बजट पेश करने में देरी हुई है। हालांकि, एमसीडी कमिश्नर अश्विनी कुमार ने एलजी की विशेष अनुमति से बजट पेश करने का निर्णय लिया है। बजट को 31 फरवरी तक पारित किया जाएगा।
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