India News(इंडिया न्यूज़), AIR Quality in Delhi NCR: दिल्ली-एनसीआर में लंबे समय से जारी वायु प्रदूषण की समस्या में राहत मिलती नजर आ रही है। पिछले 139 दिनों से लागू ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) के सभी चरणों को हटा दिया गया है। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने वायु गुणवत्ता में लगातार सुधार को देखते हुए यह फैसला लिया है, जिससे परिवहन, निर्माण और अन्य गतिविधियों पर लगी सभी पाबंदियां हट गई हैं।
सभी प्रतिबंधों को हटाया गया
वर्तमान में दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में दर्ज की जा रही है। सोमवार को दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 156 दर्ज किया गया, जो रविवार को 125 और शनिवार को 126 था। ग्रैप का स्टेज 1 तब लागू किया जाता है जब एक्यूआई 200 से ऊपर चला जाता है, लेकिन वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए इसे भी हटा दिया गया है। इससे पहले, सीएक्यूएम ने पिछले सोमवार को स्टेज II के तहत लगे प्रतिबंधों को भी समाप्त कर दिया था, जिससे अंतरराज्यीय बसों के प्रवेश, डीजल जनरेटरों के उपयोग और पार्किंग शुल्क से जुड़े प्रतिबंध हटा लिए गए थे।
मौसम संबंधी सुधार बना वजह
सीएक्यूएम के अनुसार, हाल ही में मौसम की अनुकूल परिस्थितियों, जैसे उच्च वेंटिलेशन गुणांक और बेहतर वायुमंडलीय मिश्रण ऊंचाई के कारण वायु गुणवत्ता में सुधार हुआ है। इन बदलावों के चलते हवा में प्रदूषकों की मात्रा कम हो गई है, जिससे राजधानी के निवासियों को राहत मिली है। हालांकि, पर्यावरणविदों का मानना है कि यह सुधार अस्थायी हो सकता है और वायु प्रदूषण को स्थायी रूप से नियंत्रित करने के लिए ठोस नीतियों की आवश्यकता है।
वायु प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए निगरानी तेज
विशेषज्ञों का कहना है कि दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता में सुधार केवल आपातकालीन उपायों पर निर्भर नहीं होना चाहिए, बल्कि दीर्घकालिक समाधान पर भी काम करने की जरूरत है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार इस बार एक्यूआई 350 होने पर स्टेज III और 400 होने पर स्टेज IV लागू किया गया था। इस प्रक्रिया ने प्रदूषण नियंत्रण को प्रभावी बनाया, लेकिन स्थायी नीतियों के अभाव में समस्या बार-बार उत्पन्न होने की आशंका बनी हुई है। वायु प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए विशेषज्ञ निर्माण कार्यों की निगरानी, हरित क्षेत्रों का विस्तार, सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देने और उद्योगों पर सख्त नियम लागू करने की आवश्यकता पर जोर दे रहे हैं। फिलहाल, दिल्ली-एनसीआर के निवासियों को स्वच्छ हवा में सांस लेने की राहत तो मिली है, लेकिन यह सुनिश्चित करना होगा कि यह सुधार स्थायी बना रहे।