India News Delhi(इंडिया न्यूज़), Delhi News:   दिल्ली में जब रेखा गुप्ता का सीएम के नाम के लिए ऐलान हुआ तो अलका लांबा ने कहा कि में 30 साल पीछे चली गई। साथ ही उन्होंने कहा कि हमारे बीच शुरू से ही विचारधारा की लड़ाई है. और विचारधारा की ये लड़ाई थी, है और रहेगी. एबीवीपी की विचारधारा के कारण ये लोग कॉलेज में आरएसएस के लोगों को बुलाकर उनसे लेक्चर दिलवाते थे. हम गांधीवादी विचारधारा के लोग थे. हम इसके पूरी तरह खिलाफ थे और आज भी हैं. लेकिन हमने साथ मिलकर काम भी किया है.

जब मैं 2015 से 2020 तक विधायक.

हम महिलाओं के मुद्दों पर मजबूती से खड़े होते थे. मैं साइंस की छात्रा थी. उन्होंने कहा कि रेखा गुप्ता उस समय भी काफी आक्रामक थीं और आज भी आक्रामक हैं. अभी कुछ दिन पहले ही मुझे उनका एक वीडियो मिला, जिसमें वो पार्षद रहते हुए काफी आक्रामक दिख रही हैं. जब वो पार्षद थीं तो मैं पार्षद नहीं थी और जब मैं 2015 से 2020 तक विधायक बनी तो वो विधायक नहीं थीं, तो इस तरह से हम कभी एक सदन में साथ मिलकर काम नहीं कर पाए. हमें सदन में साथ बैठने का मौका नहीं मिला. लांबा ने कहा कि लेकिन मैंने उन्हें सीएम बनने पर बधाई दी है लेकिन सलाह भी दी है. रेखा ने भी कभी नहीं सोचा होगा कि वह पार्षद से विधायक और फिर सीधे मुख्यमंत्री तक पहुंच जाएंगी। लेकिन सदन में उनका आचरण ठीक नहीं है।

माइक और पोडियम तक तोड़..

सीएम रहते हुए विपक्ष का कोई सदस्य इस तरह का व्यवहार करेगा तो वह क्या करेंगी? पार्षद होते हुए उन्होंने सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया है, माइक और पोडियम तक तोड़ दिया है। हमारे पास वह वीडियो है। इसलिए हमने उन्हें चेतावनी दी है कि अगर वह इस तरह का व्यवहार करेंगी तो हम उन्हें  नहीं छोड़ेंगे। आपको बता दें कि रेखा गुप्ता ने आज रामलीला मैदान में दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। इसके बाद उनके कैबिनेट मंत्री प्रवेश वर्मा, आशीष सूद, मनजिंदर सिंह सिरसा, रविंदर इंद्राज, कपिल मिश्रा और पंकज सिंह ने भी शपथ ली।

कौन हैं दिल्ली की CM रेखा गुप्ता के पति, जानें कितनी है संपत्ति