India News Delhi (इंडिया न्यूज़), Amanatullah Khan: दिल्ली विधानसभा में आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक अमानतुल्लाह खान ने विपक्षी विधायकों के निलंबन को लेकर मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता से अपील की और सरकार से जनता के लिए काम करने की बात की। खान ने मुख्यमंत्री और अन्य मंत्रियों से अनुरोध किया कि वे जनता के मुद्दों पर ध्यान दें और नकारात्मक बयानबाजी से बचें। उनका कहना था कि ऐसे बयान केवल राजनीति का हिस्सा होते हैं, जबकि सरकार का असल काम जनता की भलाई है।
AAP विधायक ने उठाए गंभीर सवाल
AAP विधायक अमानतुल्लाह खान ने विधानसभा में विपक्षी विधायकों के निलंबन के मुद्दे पर तीखा बयान दिया। उन्होंने कहा, “हम मुख्यमंत्री और तमाम मंत्री से अनुरोध करते हैं कि आप जनता के लिए काम करें। जो कुछ भी हो, राजनीतिक बयानबाजी से बचें।” उनका यह भी कहना था कि सरकार में आते ही, नेताओं को जनता के मुद्दों पर काम करना चाहिए और जनता के वादों को पूरा करना चाहिए, जैसे महिलाओं को 2500 रुपये देने का वादा।
CAG रिपोर्ट पर AAP विधायक का पलटवार
AAP विधायक ने दिल्ली सरकार पर लगे आरोपों को लेकर CAG (कंट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल) की रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा कि इस रिपोर्ट में सरकार के चरित्र को बदनाम किया गया है। खान ने सवाल उठाया, “आप लोग 2000 करोड़ रुपये के घाटे की बात कर रहे हैं, लेकिन घोटाला कहां हुआ? आप CBI, ED जैसी तमाम एजेंसियों के पास हैं, तो यह आरोप साबित क्यों नहीं हो पा रहे?” खान का आरोप था कि विपक्षी दलों ने सरकार को बदनाम करने के लिए केवल आरोप लगाए हैं और कोई ठोस प्रमाण नहीं पेश किए हैं।
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विपक्ष के निलंबन पर सवाल
AAP विधायक ने विपक्षी विधायकों के निलंबन को लेकर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “विपक्ष के विधायकों को पूरे विधानसभा परिसर से बाहर करना बिल्कुल गलत है। भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में शायद ही ऐसा कोई उदाहरण होगा जहां निलंबित विधायकों को परिसर से बाहर कर दिया गया हो। यह लोकतंत्र की मर्यादा के खिलाफ है।
विधानसभा अध्यक्ष का जवाब
विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने अमानतुल्लाह खान के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि नियमों के अनुसार, निलंबित विधायक को पूरे विधानसभा परिसर से बाहर रहना पड़ता है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उपराज्यपाल का अभिभाषण जनता के लिए होता है, और इसमें किसी राजनीतिक दल का हिस्सा नहीं होता। गुप्ता ने यह भी कहा कि विपक्षी विधायकों के निलंबन का फैसला विधानसभा के नियमों के तहत लिया गया है और इसे कोई व्यक्तिगत दृष्टिकोण से न देखा जाए।