India News Delhi (इंडिया न्यूज़), Anti Corruption Bureau: दिल्ली में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) द्वारा जांच किए जा रहे मामलों में बड़ा पेच सामने आया है। डेटा के मुताबिक, 53 जांच अनुरोध लंबित हैं और तीन अभियोजन भी दिल्ली सरकार के सक्षम प्राधिकारी के समक्ष मंजूरी का इंतजार कर रहे हैं। इन मामले में अब तक कोई फैसला नहीं लिया गया है, जबकि मामले 2021 और 2018 से लंबित हैं। ACB द्वारा विभिन्न आरोपों के तहत अधिकारियों और विधायकों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करने की मंजूरी की प्रतीक्षा की जा रही है।
पीओसी अधिनियम के तहत लंबित मामले
सूत्रों के अनुसार, 53 रिक्वेस्ट पीओसी (प्रिवेंशन ऑफ करप्शन) अधिनियम की धारा 17(ए) के तहत लंबित हैं, जो विभिन्न विभागों में भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच से संबंधित हैं। ये सभी अनुरोध 2021 से मंजूरी के लिए इंतजार कर रहे हैं। इसके अलावा, पीओसी अधिनियम की धारा 19 के तहत भी कई अनुरोध 2018 से मंजूरी के इंतजार में हैं। इन लंबित मामलों को लेकर सवाल उठने लगे हैं कि आखिर क्यों इन पर कोई निर्णय नहीं लिया जा रहा है और यह जांच प्रक्रिया क्यों रुकी हुई है।
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तीन प्रमुख भ्रष्टाचार मामलों की केस समरी
एफआईआर संख्या 03/2018:
इस मामले में कृष्णा नगर से AAP के पूर्व विधायक एसके बग्गा के खिलाफ रिश्वत लेने के आरोप हैं। बग्गा पर आरोप है कि उन्होंने राजू सचदेवा नामक व्यक्ति से कई बार रिश्वत ली। एसीबी ने 28 अप्रैल 2022 को दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष से पीओसी अधिनियम की धारा 19 के तहत अभियोजन की मंजूरी मांगी थी, लेकिन 17 अक्टूबर 2022 को यह मंजूरी अस्वीकार कर दी गई। एसीबी ने इस फैसले के खिलाफ अपील करने पर विचार किया, लेकिन दिल्ली हाई कोर्ट के स्थायी वकील ने इसे अपील के लिए उपयुक्त नहीं बताया।
एफआईआर संख्या 11/2022:
नवंबर 2022 में एक शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि मॉडल टाउन से AAP विधायक अखिलेश पति त्रिपाठी ने उसकी पत्नी को पार्षद पद का टिकट दिलाने के लिए ₹90 लाख की रिश्वत मांगी थी। शिकायतकर्ता ने कथित तौर पर त्रिपाठी के बहनोई ओम सिंह को ₹35 लाख और वजीरपुर से विधायक राजेश गुप्ता को ₹20 लाख दिए। इसके बावजूद, टिकट किसी अन्य व्यक्ति को दे दिया गया। मामले में जाल बिछाया गया और कई गिरफ्तारियां भी हुईं। हालांकि, एसीबी ने अभियोजन की मंजूरी मांगी थी, लेकिन सक्षम प्राधिकारी ने अनुमति देने से इनकार कर दिया। अब आरोप पत्र को फिर से तैयार किया गया है और एक नई रिक्वेस्ट पर कार्रवाई की जा रही है।
एफआईआर 20 जुलाई 2023:
दिल्ली वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष और AAP विधायक अमानतुल्ला खान के खिलाफ एक शिकायत दर्ज की गई थी, जिसमें आरोप लगाया गया कि उन्होंने फतेहपुरी जामा मस्जिद के पास एक ऐतिहासिक स्कूल को अवैध रूप से शॉपिंग कॉम्प्लेक्स में बदल दिया, जिससे करोड़ों रुपये की वक्फ संपत्तियों का दुरुपयोग हुआ। एसीबी ने पीओसी अधिनियम की धारा 17(ए) के तहत जांच करने की अनुमति मांगी थी, लेकिन 7 फरवरी 2024 को किए गए अनुरोध के बावजूद अब तक कोई मंजूरी नहीं मिली है।