India News (इंडिया न्यूज़),Bhagat Singh Koshyari: दिल्ली की एक अदालत ने महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को मानहानि के एक मामले में बड़ी राहत देते हुए उन्हें बरी कर दिया है। अदालत ने कहा कि मामले में शिकायतकर्ता अब जीवित नहीं हैं और उनके उत्तराधिकारियों ने यह साबित नहीं किया कि वह कथित बयान से व्यथित थे।
क्या था मामला?
मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट पारस दलाल ने यह फैसला सुनाते हुए कहा कि शिकायतकर्ता एसपी गुप्ता अब इस दुनिया में नहीं हैं, और ऐसे में मुकदमा आगे नहीं बढ़ सकता। अदालत ने कोश्यारी के साथ एक निजी कंपनी को भी आरोपों से मुक्त कर दिया। शिकायतकर्ता एसपी गुप्ता सनएयर होटल्स प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक थे। उनका वीएलएस फाइनेंस लिमिटेड नामक एक कंपनी से व्यावसायिक विवाद चल रहा था, जिसके चलते दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर कुप्रबंधन के आरोप लगाए। इस मामले की जांच सीबीआई और एसएफआईओ जैसी एजेंसियों ने भी की थी। आरोप था कि वीएलएस फाइनेंस लिमिटेड के पक्ष में तत्कालीन वरिष्ठ मंत्रियों ने एसपी गुप्ता पर दबाव बनाया और भगत सिंह कोश्यारी समेत कुछ लोगों ने कथित रूप से मानहानिकारक पत्र लिखे, जिससे गुप्ता की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा। वर्ष 2017 में एसपी गुप्ता ने कोश्यारी के खिलाफ दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में मानहानि का मुकदमा दायर किया था, जिसके बाद मार्च 2023 में अदालत ने कोश्यारी को समन जारी किया और पेश होने का आदेश दिया था। हालांकि, इस मामले की सुनवाई राउज एवेन्यू कोर्ट में होनी चाहिए थी, इसलिए कोश्यारी ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर कर पेशी से छूट मांगी, जिसे स्वीकार कर लिया गया।
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अदालत ने क्यों किया बरी?
मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने पाया कि अब इस मुकदमे को आगे बढ़ाने के लिए कोई पीड़ित पक्ष नहीं है। शिकायतकर्ता की मृत्यु हो चुकी है और उनके उत्तराधिकारी यह साबित नहीं कर पाए कि वह कथित बयान से प्रभावित थे। ऐसे में अदालत ने भगत सिंह कोश्यारी और अन्य आरोपियों को बरी कर दिया।