India News (इंडिया न्यूज), Delhi Crime: झारखंड पुलिस ने दिल्ली पुलिस और कई गैर-सरकारी संगठनों के सहयोग से मानव तस्करी के एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश किया है। जानकारी के अनुसार, इस अभियान के तहत युवतियों को नौकरी के बहाने दिल्ली लाकर देह व्यापार में धकेलने वाले मुख्य आरोपित ईश्वर तुरी को बुराड़ी से गिरफ्तार किया गया। इस दौरान साहिबगंज जिले की चार युवतियों को भी बचाया गया, जिनमें से एक मेडिकल जांच में गर्भवती पाई गई।
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झारखंड से दिल्ली लाकर करवाता था गंदा काम
ऐसे में, आरोपित ईश्वर तुरी झारखंड से युवतियों को नौकरी देने का झांसा देकर दिल्ली-एनसीआर लाता था और फिर उन्हें घरेलू सहायिका के रूप में रखवाकर देह व्यापार में धकेल देता था। इस गिरोह की सरगना महिला पूनम मरांडी को दिल्ली पुलिस ने पांच महीने पहले शकूरपुर इलाके से गिरफ्तार किया था। इसके बाद, इस मामले में झारखंड उच्च न्यायालय और साहिबगंज जिला न्यायालय ने पहले ही ईश्वर तुरी की गिरफ्तारी के लिए वारंट जारी कर रखा था। इसके अलावा, झारखंड पुलिस को सूचना मिली कि ईश्वर तुरी दिल्ली में छिपा हुआ है। डीसीपी बाहरी-उत्तरी और उत्तरी जिला पुलिस को तुरंत इसकी जानकारी दी गई। डीसीपी ने तिमारपुर और स्वरूप नगर के एसीपी को अलर्ट किया। बिना समय गंवाए, टीम ने बुराड़ी इलाके में जाल बिछाया और नत्थूपुरा बस स्टैंड से उसे गिरफ्तार कर लिया।
NGO और पुलिस का संयुक्त ऑपरेशन
जानकारी के अनुसार, इस ऑपरेशन में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के मानव तस्करी विरोधी सेल के निर्देश पर कई संगठनों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मिशन मुक्ति फाउंडेशन के निदेशक विरेंद्र कुमार सिंह, रेस्क्यू फाउंडेशन के अक्षय पांडेय, झारखंड भवन की काउंसलर निर्मला और राहुल, रेस्क्यू एंड रिलीफ फाउंडेशन के सिद्धांत घोष भी इस अभियान में शामिल थे। पूरे प्लान के साथ ईश्वर तुरी को पकड़ने के लिए एक स्पेशल प्लान तैयार किया गया। झारखंड भवन की काउंसलर ने उसे फोन कर बताया कि वह एक घर में काम करती है और मकान मालिक ने वेतन नहीं दिया। बताया गया है कि, मदद के नाम पर तुरी ने उसे बुराड़ी बाईपास बुलाया।
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