India News (इंडिया न्यूज), Brij Bhushan Sharan Singh Case : दिल्ली की एक अदालत ने भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ दायर यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (POCSO) मामले को बंद कर दिया है, जिसमें एक नाबालिग शिकायतकर्ता द्वारा लगाए गए आरोप शामिल थे। अदालत ने सोमवार को पुलिस की क्लोजर रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया, जिससे मामले में आगे की कानूनी कार्यवाही प्रभावी रूप से समाप्त हो गई।

नहीं मिला कोई सबूत

दिल्ली पुलिस ने 15 जून 2023 को अदालत को एक व्यापक 550-पृष्ठ की रिपोर्ट सौंपी थी, जिसमें निष्कर्ष निकाला गया था कि उनकी जांच में सिंह के खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं मिला है। जांचकर्ताओं ने पाया कि नाबालिग पहलवान और उसके पिता ने मजिस्ट्रेट के सामने पेश होने पर अपने शुरुआती आरोपों को वापस ले लिया था, जिसके कारण पुलिस ने मामले को बंद करने की सिफारिश की।

‘एक राजनीतिक साजिश का हिस्सा’

उत्तर प्रदेश के पूर्व भाजपा सांसद सिंह ने लगातार सभी आरोपों से इनकार किया है, उनका दावा है कि ये उन्हें बदनाम करने की एक राजनीतिक साजिश का हिस्सा थे। उन्होंने खुद को निर्दोष बताते हुए कहा कि आरोप राजनीतिक उद्देश्यों के लिए गढ़े गए थे।

पिछले साल मई में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने इस मामले में पर्याप्त सबूतों को देखते हुए बृजभूषण के खिलाफ आरोप तय करने का निर्देश दिया था। अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट (एसीएमएम) प्रियंका राजपूत ने आईपीसी की धारा 354 (महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से हमला या आपराधिक बल का प्रयोग), 354 ए (यौन उत्पीड़न) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत बृजभूषण के खिलाफ आरोप तय करने का निर्देश दिया था। जज ने कहा था कि आरोपी के खिलाफ आरोप तय करने के लिए पर्याप्त सबूत हैं।

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