India News (इंडिया न्यूज), Burari News: उत्तर दिल्ली के बुराड़ी इलाके में सोमवार शाम को एक बड़ा हादसा हुआ, जब ऑस्कर पब्लिक स्कूल के पास स्थित एक नवनिर्मित चार मंजिला इमारत ढह गई। हादसे के बाद घटनास्थल पर बचाव कार्य तेजी से चलाया गया। अधिकारियों के अनुसार, अब तक मलबे से 12 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है, जबकि कुछ अन्य लोग अभी भी मलबे में दबे होने की आशंका है। बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने मौके पर पहुंचकर बचाव अभियान का निरीक्षण किया और मीडिया से बात करते हुए इसे बड़ी लापरवाही करार दिया। उन्होंने कहा, “यह हादसा बेहद दुखद है। इस चार मंजिला इमारत का निर्माण पूरा हो चुका था, लेकिन फिनिशिंग का काम चल रहा था। जो भी इस घटना के लिए जिम्मेदार होगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा। हालांकि, फिलहाल हमारी प्राथमिकता मलबे में दबे हुए लोगों को बचाना है।”

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200 वर्ग गज में फैली इमारत अचानक ढही

पुलिस रिपोर्ट के मुताबिक, इमारत में 20 से 22 लोग फंसे हुए थे, जिनमें से 12 को अब तक बचाया जा चुका है। हादसे में एक बच्ची की हालत गंभीर बताई जा रही है, जबकि बाकी घायलों को अस्पताल में भर्ती किया गया है और उनकी हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है। दिल्ली पुलिस के मुताबिक, शाम करीब 6:58 बजे इमारत गिरने की सूचना मिली थी। पुलिस, अग्निशमन विभाग, डीडीएमए और एनडीआरएफ की टीमें मौके पर पहुंच गई थीं और बचाव कार्य जारी था। बचाव कार्य में मदद के लिए 9 दमकल गाड़ियां तैनात की गईं थीं।

प्रशासन से राहत कार्य में तेजी लाने के दिए निर्देश- सीएम

दिल्ली पुलिस ने इलाके की घेराबंदी कर दी है ताकि अन्य किसी प्रकार की दुर्घटना को रोका जा सके। दिल्ली सरकार और प्रशासन ने राहत कार्यों को तेज किया है। दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा कि यह घटना बेहद दुखद है और उन्होंने प्रशासन से राहत कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी सोशल मीडिया पर इस घटना पर शोक जताया और स्थानीय विधायक संजीव झा को राहत कार्य में प्रशासन की मदद करने का निर्देश दिया।

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इमारत गिरने की घटना बेहद दुखद

बुराड़ी में इस तरह की घटना ने क्षेत्रीय सुरक्षा और भवन निर्माण मानकों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। फिलहाल, घटना की जांच की जा रही है और अधिकारियों ने दावा किया है कि हादसे में और लोगों के फंसे होने की आशंका जताई जा रही है। प्रशासन और स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों ने मलबे से बचाव कार्य को प्राथमिकता दे दी है, ताकि अधिक से अधिक लोगों की जान बचाई जा सके। इस हादसे के बाद दिल्ली में निर्माण कार्यों में सुरक्षा मानकों की जांच और सख्ती से पालन की आवश्यकता पर फिर से बल दिया गया है।